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मध्यप्रदेश में किसानों के लिए नई तार फेंसिंग योजना, ये है आवेदन की प्रक्रिया

किसान भाइयों अपनी मेहनत के दम पर अपनी फसलों को पैदा करते है लेकिन जंगली जानवर उनकी पूरी मेहनत को ख़राब कर देते है। मध्यप्रदेश की सरकार ने प्रदेश के किसानों के लिए तार फैंसिंग योजना शुरू की है जिससे किसानों अपने खेती को सुरक्षित कर सकते है।

by Vinod Yadav
मध्यप्रदेश में किसानों के लिए नई तार फेंसिंग योजना, ये है आवेदन की प्रक्रिया

मध्यप्रदेश सरकार ने किसानों की फसलों को जंगली जानवरों से बचाने के लिए एक शानदार योजना शुरू की है। राष्ट्रीय बागवानी एकीकृत विकास कार्यक्रम के तहत शुरू हुई इस योजना में किसान अपने खेतों के चारों ओर तारों की फेंसिंग लगवा सकते हैं। सबसे खास बात? इसका आधा खर्च सरकार उठाएगी। इसलिए प्रदेश के सभी किसान इस योजना में अपना आवेदन करके इसका लाभ ले सकते है।

जंगली जानवरों से फसलों को बचाएगी ये योजना

जंगली जानवर किसानों के लिए बड़ी मुसीबत हैं क्योंकि ये किसान भाइयों की फसलों को चौपट कर देते है और ये फसलों को नुकसान पहुंचाते हैं जिससे किसानों को आर्थिक नुकसान होता है और रातों की नींद भी गायब हो जाती है। इस तार फेंसिंग योजना से अब किसान अपने खेतों को सुरक्षित कर चैन की सांस ले सकेंगे। फैंसिंग करके किसान अपने खेतों को जंगली जानवरों से सुरक्षित कर सकते है।

कितना मिलेगा अनुदान?

उद्यानिकी विभाग के अनुसार इस योजना में तार फेंसिंग का खर्च प्रति रनिंग मीटर करीब 300 रुपये है। मान लीजिए 1000 मीटर की फेंसिंग का कुल खर्च 3 लाख रुपये है तो इसमें से 1.5 लाख रुपये सरकार देगी और बाकी 1.5 लाख रुपये किसान को देने होंगे। इससे सब्जी, फल, फूल और मसालों की फसलों को जंगली जानवरों से बचाना आसान हो जाएगा।

कैसे करें आवेदन?

इच्छुक किसान उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। सरकार ने हर जिले के लिए लक्ष्य तय किए हैं और जल्द ही इस योजना को लागू किया जाएगा। आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर कोई भी किसान इस योजना के लिए आवेदन कर सकता है।

आपकी जानकारी के लिए बता दें की यह योजना न सिर्फ फसलों को सुरक्षित रखेगी बल्कि किसानों की आय बढ़ाने और उन्हें आर्थिक नुकसान से बचाने में भी मदद करेगी। साथ ही ग्रामीण किसानों में कृषि के प्रति आत्मविश्वास और आत्मनिर्भरता बढ़ेगी। जब किसानों की फसलें जंगली जानवरों से सुरक्षित होगी तो उनके खेतों की पैदावार में भी बढ़ौतरी होगी और किसानों को आर्थिक लाभ मिलेगा।

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