Home कृषिWH-1402: कम पानी, ज्यादा उपज वाली गेहूँ की नई किस्म

WH-1402: कम पानी, ज्यादा उपज वाली गेहूँ की नई किस्म

जो किसान गेहूं की खेती करते है उनके लिए एक नई किस्म कृषि वैज्ञानिकों ने इजाद कर ली है. आपको बता दें की ये गेहूं की नई किस्म WH-1402 है जिसको चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय (CCSHAU), हिसार ने इजाद किया है. इस किस्म में केवल 2 सिंचाई करनी पड़ती है आइये जानते है इसकी पूरी डिटेल -

by Saloni Yadav
WH-1402: कम पानी, ज्यादा उपज वाली गेहूँ की नई किस्म

हरियाणा के किसानों के लिए खुशखबरी! चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय (CCSHAU), हिसार ने एक ऐसी गेहूँ की किस्म WH-1402 विकसित की है, जो कम पानी में भी शानदार पैदावार देती है. यह किस्म खासकर उन इलाकों के लिए वरदान है, जहाँ पानी की कमी और जमीन की उर्वरता कम है. आइए जानते हैं इसकी खासियतें.

केवल दो सिंचाई में 68 क्विंटल तक उपज

WH-1402 की सबसे बड़ी खूबी है कि इसे सिर्फ दो बार पानी देने से ही अच्छी फसल मिलती है. पहली सिंचाई बुवाई के 20-25 दिन बाद और दूसरी 80-85 दिन बाद करनी होती है. सामान्य प्रबंधन में यह किस्म औसतन 50 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उपज देती है, लेकिन सही देखभाल से 68 क्विंटल तक उत्पादन संभव है. यह NIAW-3170 से 7.5% ज्यादा उपज देती है.

रोगों से लड़े, स्थिर पैदावार दे

यह किस्म पीला और भूरा रतुआ जैसे रोगों के प्रति सहनशील है. इससे फसल को नुकसान कम होता है और पैदावार स्थिर रहती है. चाहे मौसम कैसा भी हो, WH-1402 भरोसेमंद है.

पौष्टिक और चमकदार दाने

इसके दाने मोटे, चमकदार और पौष्टिक हैं. इसमें 11.3% प्रोटीन, 37.6 ppm आयरन और 37.8 ppm जिंक होता है. यह बेकिंग और मिलिंग के लिए भी बेहतरीन है, जिससे बाजार में इसकी मांग बढ़ सकती है. पौधे की ऊँचाई 100 सेंटीमीटर है, जो इसे गिरने से बचाती है. फसल 147 दिन में तैयार होती है.

बुवाई और खाद का सही तरीका

बुवाई का सबसे अच्छा समय अक्टूबर के आखिरी हफ्ते से नवंबर के पहले हफ्ते तक है. बीज की मात्रा 100 किलो प्रति हेक्टेयर रखें. खाद के लिए:

  • नाइट्रोजन: 90 किलो/हेक्टेयर
  • फॉस्फोरस: 60 किलो/हेक्टेयर
  • पोटाश: 40 किलो/हेक्टेयर
  • जिंक सल्फेट: 25 किलो/हेक्टेयर

किन इलाकों के लिए उपयुक्त?

यह किस्म पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर के रेतीली और कम उपजाऊ जमीनों के लिए आदर्श है.

पानी की कमी और भूजल स्तर गिरने की समस्या से जूझ रहे किसानों के लिए WH-1402 एक उम्मीद की किरण है. कम संसाधनों में ज्यादा उत्पादन और अच्छी कीमत की संभावना इसे किसानों का पसंदीदा विकल्प बनाती है.

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