अमेरिका के साथ तनातनी के बीच भारत का बड़ा दांव: निर्यात बढ़ाने के लिए भारी-भरकम फंड!

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भारत सरकार ने वैश्विक व्यापार में अपनी धाक जमाने के लिए एक बड़े मिशन को हरी झंडी दिखाने की तैयारी कर ली है. सूत्रों के मुताबिक एक्सपोर्ट प्रोमोशन मिशन के लिए 2,250 करोड़ रुपये से भी ज्यादा का बजट आवंटित किया जा सकता है. यह कदम अमेरिका के 50% टैरिफ और ग्लोबल मार्केट में बढ़ती चुनौतियों के बीच उठाया जा रहा है. जल्द ही इस योजना को केंद्रीय कैबिनेट की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा.

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क्या है इस मिशन का मकसद?

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने फरवरी 2025 के बजट में इस मिशन का ऐलान किया था. इसका लक्ष्य है भारत के निर्यात को नई ऊंचाइयों तक ले जाना और घरेलू बाजार को भी मजबूत करना. यह मिशन नए बाजारों में भारतीय उत्पादों की पहुंच बढ़ाएगा, निर्यात स्थलों को डायवर्सिफाई करेगा और ग्लोबल कंपटीशन में भारत को और मजबूत बनाएगा.

निर्यातकों को मिलेंगी ये खास सुविधाएं

  • MSME और ई-कॉमर्स के लिए आसान लोन: छोटे और मझोले कारोबारियों को सस्ता कर्ज मिलेगा.
  • विदेशों में वेयरहाउसिंग: भारतीय सामानों को स्टोर करने के लिए ग्लोबल सुविधाएं.
  • ग्लोबल ब्रांडिंग: उभरते बाजारों में भारतीय प्रोडक्ट्स की मार्केटिंग के लिए बड़े अभियान.

अमेरिका के साथ तनातनी

अमेरिका ने भारतीय उत्पादों पर 50% टैरिफ लगा दिया है जिससे निर्यातकों पर दबाव बढ़ा है. भारत-अमेरिका के बीच व्यापार वार्ता जारी है, लेकिन कृषि और डेयरी जैसे क्षेत्रों में मतभेद बरकरार हैं. निर्यातक चाहते हैं कि कोई भी समझौता भारत के हितों को ध्यान में रखकर हो.

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वित्त मंत्री ने साफ कहा कि निर्यातकों को हरसंभव मदद दी जाएगी. इस मिशन के जरिए नकदी की जरूरतों को पूरा करने के साथ-साथ आर्थिक विकास को भी गति मिलेगी. यह योजना न सिर्फ निर्यात बढ़ाएगी बल्कि घरेलू खपत को भी प्रोत्साहित करेगी ताकि दोनों का संतुलन बना रहे.

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