हरियाणा सरकार ने नवरात्रि के मौके पर किसानों को खुशखबरी दी है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने प्रमाणित गेहूं बीज पर सब्सिडी को बढ़ाकर 1075 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया है। पिछले साल यह सब्सिडी 1000 रुपये प्रति क्विंटल थी। इस फैसले से किसानों को सस्ते दामों पर बेहतर बीज मिलेंगे, जिससे उनकी फसल की गुणवत्ता और आय में इजाफा होगा।
सस्ते बीज, ज्यादा मुनाफा
इस साल गेहूं बीज का बिक्री मूल्य 3000 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है, जो पिछले साल 2875 रुपये था। सब्सिडी के बाद किसानों को प्रति क्विंटल बीज के लिए केवल 1925 रुपये चुकाने होंगे। इससे प्रति एकड़ बुआई की लागत लगभग 1200 रुपये होगी। यह कदम छोटे और मध्यम किसानों के लिए बड़ी राहत लेकर आया है।
कहां से खरीदें बीज?
किसान एचएसडीसी, एनएससी, हैफेड, इफको, कृभको और एनएफएल जैसे सरकारी काउंटरों से ये प्रमाणित बीज खरीद सकते हैं। हरियाणा में हर साल करीब 60-62 लाख एकड़ में गेहूं की बुआई होती है, जिसमें से 5.5 लाख क्विंटल बीज सरकारी एजेंसियां उपलब्ध कराती हैं। बाकी बीज निजी कंपनियां बेचती हैं।
क्यों बढ़ी कीमत?
गेहूं के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में 150 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी और बीज उत्पादक किसानों को 50 रुपये प्रति क्विंटल अतिरिक्त प्रोत्साहन देने के कारण बीज की कीमत में यह बदलाव किया गया है।
किसानों को क्या फायदा?
समय पर बुआई: सस्ते और गुणवत्तापूर्ण बीजों की उपलब्धता से किसान सही समय पर बुआई कर सकेंगे।
बेहतर फसल: प्रमाणित बीज रोग-प्रतिरोधी और अधिक उपज देने वाले हैं।
आर्थिक मजबूती: कम लागत और बेहतर उत्पादन से किसानों की आय बढ़ेगी।
खाद्य सुरक्षा की दिशा में कदम
हरियाणा में हर साल 12-14 लाख क्विंटल प्रमाणित गेहूं बीज की बिक्री होती है। सरकार का यह कदम न केवल किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करेगा, बल्कि राज्य में खाद्य सुरक्षा को भी बढ़ावा देगा। यह पहल नवरात्रि के पावन अवसर पर किसानों के लिए एक सच्चा उपहार है।

