हरियाणा के किसानों के लिए खरीफ सीजन 2025-26 लेकर आया है बड़ी राहत. राज्य सरकार ने दलहन और तिलहन की खरीद के लिए मंडियों में पक्के इंतजाम किए हैं. मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी ने साफ निर्देश दिए हैं कि किसानों को किसी भी तरह की दिक्कत नहीं होनी चाहिए. इस बार 100 से ज्यादा मंडियों में खरीद केंद्र तैयार किए गए हैं ताकि किसानों को अपनी फसल बेचने में आसानी हो.
मूंग की खरीद में बंपर इजाफा
23 सितंबर से मूंग की खरीद शुरू हो चुकी है, जो 15 नवंबर तक चलेगी. इस बार मूंग की पैदावार में जबरदस्त उछाल देखने को मिला है. पिछले साल जहां 1.09 लाख एकड़ में मूंग बोई गई थी, वहीं इस बार यह रकबा बढ़कर 1.47 लाख एकड़ हो गया. प्रति एकड़ उपज भी 300 किलो से बढ़कर 400 किलो तक पहुंच गई है. नतीजा? उत्पादन 32,715 मीट्रिक टन से बढ़कर 58,717 मीट्रिक टन होने की उम्मीद है. किसानों का कहना है कि यह सीजन उनके लिए मुनाफे का सौदा साबित हो सकता है.
अरहर, उड़द, मूंगफली और तिल की खरीद का शेड्यूल
अरहर और उड़द: दिसंबर में खरीद शुरू होगी.
मूंगफली: 1 नवंबर से 31 दिसंबर तक सात मंडियों में खरीदी जाएगी.
तिल: दिसंबर से खरीद शुरू, 27 मंडियों में होगी. इस बार तिल की खेती 800 एकड़ से बढ़कर 2,116 एकड़ तक पहुंच गई है, और उत्पादन 446 मीट्रिक टन होने का अनुमान है.
सरकार का जोर: सुचारू व्यवस्था
मुख्य सचिव ने अधिकारियों को सख्त हिदायत दी है कि मंडियों में बारदाने की कमी न हो, समय पर उठान हो और भंडारण की व्यवस्था पुख्ता रहे. किसानों को उम्मीद है कि इन इंतजामों से न सिर्फ उनकी फसल का सही दाम मिलेगा बल्कि भुगतान और स्टोरेज की समस्याएं भी खत्म होंगी.
किसानों का कहना है कि सरकार की इस पहल से उनकी मेहनत रंग लाएगी. खरीफ सीजन 2025-26 उनके लिए नई उम्मीदें लेकर आया है और वे इसे फायदे का मौका बनाने को तैयार हैं.

