CBI के रडार पर सोनम वांगचुक, NGO की विदेशी फंडिंग और पाकिस्तान यात्रा की हो रही जांच

Rajveer Singh
CBI के रडार पर सोनम वांगचुक, NGO की विदेशी फंडिंग और पाकिस्तान यात्रा की हो रही जांच

नई दिल्ली: केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने लद्दाख के जाने-माने एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक और उनके एनजीओ हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ अल्टरनेटिव्स लद्दाख (HIAL) के खिलाफ बड़ी कार्रवाई शुरू की है। सूत्रों के अनुसार, CBI ने उनके एनजीओ में कथित तौर पर विदेशी फंडिंग के नियमों के उल्लंघन की जांच शुरू कर दी है। इसके साथ ही सोनम वांगचुक की 6 फरवरी को हुई पाकिस्तान यात्रा पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं जिसे संदिग्ध माना जा रहा है।

विदेशी फंडिंग के बिना मंजूरी का मामला

CBI ने सोनम वांगचुक के एनजीओ की बैंक अकाउंट्स की पूरी हिस्ट्री खंगालनी शुरू कर दी है। आरोप है कि HIAL ने विदेशों से फंडिंग ली, लेकिन इसके लिए विदेशी योगदान विनियमन अधिनियम (FCRA) के तहत मंजूरी नहीं ली गई थी। गृह मंत्रालय ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच के आदेश दिए हैं। सूत्रों के मुताबिक यह कार्रवाई पिछले कुछ महीनों से चल रही थी और अब इसे तेज कर दिया गया है।

लद्दाख हिंसा से जोड़ा गया कनेक्शन

गृह मंत्रालय ने सोनम वांगचुक पर लद्दाख में हुई हालिया हिंसा को भड़काने का आरोप लगाया है। मंत्रालय का कहना है कि उनकी भड़काऊ बयानबाजी के कारण क्षेत्र में अशांति फैली। पिछले दिनों लद्दाख में हिंसक प्रदर्शन हुए जिसमें कई वाहनों को आग लगाई गई और संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया। इस घटना के बाद सोनम वांगचुक के खिलाफ कार्रवाई तेज हो गई है।

पाकिस्तान यात्रा पर सवाल

सोनम वांगचुक की 6 फरवरी को पाकिस्तान की यात्रा भी जांच के दायरे में आ गई है। उनका दावा है कि यह यात्रा पर्यावरण से जुड़े एक कार्यक्रम में भाग लेने के लिए थी लेकिन अधिकारियों को इस पर शक है। इस यात्रा के पीछे के मकसद और इसके लद्दाख के मसले से जुड़े होने की आशंका जताई जा रही है।

अगली कार्रवाई का इंतजार

CBI ने सोनम वांगचुक को पूछताछ के लिए बुलाया है लेकिन अभी तक उनकी ओर से कोई जवाब नहीं मिला है। इस मामले में आगे की जांच जारी है और जल्द ही और खुलासे होने की उम्मीद है। लद्दाख में शांति बहाल करने के लिए सरकार सख्त कदम उठाने की तैयारी में है।

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राजवीर सिंह एक पेशेवर कंटेंट राइटर हैं, जिन्हें पत्रकारिता का अनुभव है और स्थानीय, सामुदायिक और अंतर्राष्ट्रीय घटनाओं की गहरी समझ रखते हैं। वे अपने ज्ञान का उपयोग न केवल अपनी शैक्षणिक पृष्ठभूमि, बल्कि अपनी प्रत्यक्ष समझ के आधार पर जानकारीपूर्ण लेख लिखने में करते हैं। वे केवल सूचना देने के लिए नहीं, बल्कि आवाज़ उठाने के लिए भी लिखते हैं।