लद्दाख हिंसा में नया मोड़: गृह मंत्रालय ने सोनम वांगचुक के एनजीओ का एफसीआरए प्रमाण पत्र रद्द किया

Saloni Yadav
New twist in Ladakh violence: Home Ministry cancels FCRA certificate of Sonam Wangchuk's NGO

नई दिल्ली: गृह मंत्रालय ने प्रसिद्ध पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक के नेतृत्व में संचालित गैर-सरकारी संगठन ‘स्टूडेंट्स एजुकेशनल एंड कल्चरल मूवमेंट ऑफ लद्दाख’ (SECMOL) का विदेशी योगदान (विनियमन) अधिनियम (FCRA) प्रमाण पत्र रद्द कर दिया है। यह कार्रवाई मंगलवार, 25 सितंबर 2025 को की गई, जिसके बाद संगठन की विदेशी फंडिंग पर रोक लगा दी गई है।

नियमों के उल्लंघन का आरोप

मंत्रालय ने बताया कि SECMOL ने वित्तीय वर्ष 2021-22 के दौरान नियमों का उल्लंघन करते हुए अपने FCRA खाते में 3.5 लाख रुपये जमा किए। मंत्रालय के अनुसार, यह राशि संगठन द्वारा एक पुरानी बस की बिक्री से प्राप्त हुई थी, जिसे FCRA फंड से खरीदा गया था। हालांकि, संगठन का यह दावा कि यह राशि नियमों के तहत जमा की गई, मंत्रालय ने अस्वीकार कर दिया और इसे धारा 17 के तहत उल्लंघन माना। इसके अलावा, वित्तीय वर्ष 2020-21 में स्थानीय दान की राशि को भी गलती से FCRA खाते में जमा किया गया, जिसे संगठन ने स्वीकार किया।

शो कॉज नोटिस और निर्णय

गृह मंत्रालय ने 20 अगस्त 2025 को SECMOL को शो कॉज नोटिस जारी किया था, जिसमें पूछा गया था कि क्यों इसका FCRA प्रमाण पत्र रद्द नहीं किया जाना चाहिए। संगठन ने 19 सितंबर 2025 को जवाब प्रस्तुत किया, लेकिन मंत्रालय ने इसे संतोषजनक नहीं पाया। इसके बाद धारा 14 के तहत प्रमाण पत्र रद्द करने का आदेश जारी किया गया।

लद्दाख में जारी तनाव

यह कार्रवाई ऐसे समय में हुई है जब लद्दाख में राज्यत्व और छठी अनुसूची के तहत संवैधानिक सुरक्षा की मांग को लेकर प्रदर्शन तेज हो रहे हैं। हाल ही में लद्दाख के लेह में हुई हिंसक झड़पों के बाद सोनम वांगचुक पर प्रदर्शन भड़काने का आरोप लगा है, जिसके चलते इस मामले ने और तूल पकड़ा है। हालांकि, वांगचुक ने इन आरोपों को खारिज करते हुए इसे एक साजिश करार दिया है।

मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि यह निर्णय संगठन द्वारा दी गई सफाई और दस्तावेजों की जांच के बाद लिया गया है। इस कदम से लद्दाख में सामाजिक और राजनीतिक मसलों पर बहस और तेज होने की संभावना है।

लद्दाख में राज्यत्व की मांग

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सोनम वांगचुक लंबे समय से लद्दाख को राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची के तहत विशेष दर्जा देने की मांग कर रहे हैं। उनकी यह मांग क्षेत्र की जनता के बीच समर्थन हासिल कर रही है लेकिन इस दौरान हुई हिंसा ने मामले को और जटिल बना दिया है। वांगचुक के समर्थक इसे लोकतांत्रिक अधिकारों की लड़ाई बता रहे हैं जबकि केंद्र इसे उनकी व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा करार दे रहा है।

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सलोनी यादव एक अनुभवी पत्रकार हैं जिन्होंने अपने 10 साल के करियर में कई अलग-अलग विषयों को बखूबी कवर किया है। उन्होंने कई बड़े प्रकाशनों के साथ काम किया है और अब NFL स्पाइस पर अपनी सेवाएँ दे रहा है। सलोनी यादव हमेशा प्रामाणिक स्रोतों और अपने अनुभव के आधार पर जानकारी साझा करती हैं और पाठकों को सही और विश्वसनीय सलाह देती हैं।