नई दिल्ली। डाकघर की छोटी बचत योजनाओं (Small Savings Schemes) जैसे पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF), नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट (NSC), सुकन्या समृद्धि योजना (SSY) और सीनियर सिटिजन्स सेविंग्स स्कीम (SCSS) की ब्याज दरों में जल्द ही कटौती हो सकती है। वित्त मंत्रालय 30 सितंबर 2025 को इन योजनाओं की ब्याज दरों की तिमाही समीक्षा करने वाला है। नई दरें अक्टूबर-दिसंबर 2025 की तिमाही के लिए लागू होंगी।
क्यों हो सकती है ब्याज दरों में कटौती?
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने इस साल रेपो रेट (Repo Rate) में कई बार कटौती की है। इसके साथ ही सरकारी बॉन्ड यील्ड (G-Sec Yield) में भी कमी देखी गई है। Investing.com के आंकड़ों के मुताबिक, 10-वर्षीय G-Sec बॉन्ड यील्ड जनवरी 2025 में 6.779% थी, जो सितंबर 2025 तक घटकर 6.483% पर आ गई। श्यामला गोपीनाथ समिति की सिफारिशों के अनुसार, छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरें सरकारी बॉन्ड यील्ड (Government Bond Yield) के आधार पर तय होती हैं। इसमें 25 बेसिस प्वाइंट जोड़े जाते हैं।
उदाहरण के लिए, PPF की ब्याज दर जून-सितंबर 2025 के बीच औसत G-Sec यील्ड 6.411% के आधार पर 6.66% होनी चाहिए। लेकिन, वर्तमान में PPF 7.1% की दर से ब्याज दे रहा है। इसका मतलब है कि ब्याज दरों में कमी की संभावना है। हालांकि, सरकार कई तिमाहियों से इन दरों को स्थिर रख रही है।
सरकार का फैसला क्यों है अहम?
छोटी बचत योजनाएं मध्यम वर्ग, पेंशनर्स (Pensioners) और वरिष्ठ नागरिकों (Senior Citizens) के लिए निवेश का बड़ा जरिया हैं। ब्याज दरों में कटौती से उनकी आय पर असर पड़ सकता है। यही कारण है कि सरकार इन दरों को बदलने में सावधानी बरतती है। विशेषज्ञों का कहना है कि सरकार आर्थिक स्थिति और जनता की जरूरतों को ध्यान में रखकर अंतिम फैसला लेगी।
आखिरी बार कब बदली थीं ब्याज दरें?
पिछली बार जनवरी-मार्च 2024 में कुछ योजनाओं की ब्याज दरों में बदलाव हुआ था। 3-वर्षीय टाइम डिपॉजिट (Time Deposit) की दर 7% से बढ़ाकर 7.1% की गई थी। वहीं, सुकन्या समृद्धि योजना (Sukanya Samriddhi Yojana) की ब्याज दर 8% से बढ़ाकर 8.2% की गई थी। बाकी योजनाओं की दरें अपरिवर्तित रहीं।
अगर आप छोटी बचत योजनाओं में निवेश (Investment) करने की सोच रहे हैं, तो ब्याज दरों की समीक्षा का इंतजार करें। नई दरें 1 अक्टूबर 2025 से लागू होंगी। विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि अपनी वित्तीय जरूरतों (Financial Planning) के हिसाब से निवेश का फैसला लें।

