भारत की सबसे बड़ी ब्रोकरेज फर्म जेरोधा (Zerodha) के यूजर्स को जल्द ही बड़ा झटका लग सकता है। कंपनी के सीईओ नितिन कामथ (Nithin Kamath) ने खुलासा किया है कि बाजार की परिस्थितियों और नियामकीय बदलावों (regulatory changes) के चलते जेरोधा को अपने यूजर्स से ब्रोकरेज शुल्क (brokerage charges) लेना पड़ सकता है। यह खबर उन लाखों निवेशकों के लिए चिंता का विषय है जो जेरोधा के शून्य ब्रोकरेज मॉडल (zero brokerage model) के कारण इससे जुड़े हैं।
राजस्व में भारी गिरावट
नितिन कामथ ने अपने हालिया ब्लॉग पोस्ट में बताया कि जेरोधा को वित्त वर्ष 2026 की जून तिमाही में ब्रोकरेज राजस्व (brokerage revenue) में 40% की भारी गिरावट का सामना करना पड़ा है। इसका मुख्य कारण ऑप्शंस ट्रेडिंग (options trading) पर नए नियम और बाजार में कम गतिविधि है। उन्होंने कहा कि ऑप्शंस पर सिक्योरिटीज ट्रांजेक्शन टैक्स (STT) में वृद्धि और साप्ताहिक कॉन्ट्रैक्ट्स की संख्या में कमी ने कंपनी की आय पर गहरा असर डाला है।
क्यों लेना पड़ सकता है शुल्क?
कामथ ने बताया कि जेरोधा ने पिछले 15 सालों से अपने यूजर्स के लिए इक्विटी डिलीवरी ट्रेड्स (equity delivery trades) पर शून्य ब्रोकरेज बनाए रखा है। लेकिन अब बदली हुई परिस्थितियों के कारण कंपनी को यह रणनीति बदलनी पड़ सकती है। उन्होंने कहा, “हमारे ज्यादातर प्रतिस्पर्धी पहले से ही डिलीवरी ट्रेड्स पर शुल्क लेते हैं। अगर हमें व्यवसाय को मजबूत रखना है, तो ब्रोकरेज शुल्क शुरू करना पड़ सकता है।”
नियामकीय बदलावों का असर
नितिन कामथ ने बताया कि बीएसडीए (Basic Services Demat Account) की सीमा में वृद्धि और एक्सचेंज ट्रांजेक्शन शुल्क (exchange transaction fees) पर छूट हटने से भी कंपनी की आय प्रभावित हुई है। ये बदलाव अक्टूबर 2024 से लागू हुए, लेकिन इनका पूरा असर वित्त वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही और वित्त वर्ष 2026 की जून तिमाही में दिखा। कामथ ने कहा, “हमारा राजस्व बाजार के उतार-चढ़ाव (market volatility), नियमों और अन्य कारकों पर निर्भर करता है, जो हमारे नियंत्रण में नहीं हैं।”
यूजर्स के लिए क्या होगा बदलाव?
जेरोधा के इस फैसले से उन निवेशकों पर असर पड़ सकता है जो लंबे समय से मुफ्त ट्रेडिंग (free trading) का लाभ उठा रहे हैं। हालांकि, कामथ ने यह भी कहा कि कंपनी अपने यूजर्स को कम से कम बोझ देने की कोशिश करेगी। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह कदम व्यवसाय को टिकाऊ बनाने के लिए जरूरी है।
नितिन कामथ ने अपने ब्लॉग में निवेशकों से धैर्य रखने की अपील की है। उन्होंने कहा कि जेरोधा हमेशा से अपने यूजर्स के हित में काम करता रहा है और भविष्य में भी ऐसा ही करेगा। अगर आप जेरोधा के जरिए ट्रेडिंग (stock trading) करते हैं, तो आने वाले समय में ब्रोकरेज शुल्क से जुड़े अपडेट्स पर नजर रखें।
FAQ
Q: क्या जेरोधा पर अब ब्रोकरेज शुल्क लगेगा?
A: हां, नियामकीय बदलावों और राजस्व गिरावट के कारण जेरोधा जल्द ही इक्विटी डिलीवरी ट्रेड्स पर ब्रोकरेज शुल्क लागू कर सकता है।
Q: जेरोधा की ब्रोकरेज राजस्व में गिरावट क्यों आई?
A: ऑप्शंस ट्रेडिंग पर बढ़े STT, साप्ताहिक कॉन्ट्रैक्ट्स में कमी और एक्सचेंज शुल्क में बदलाव इसके मुख्य कारण हैं।
Q: क्या सभी यूजर्स को इससे असर पड़ेगा?
A: खास तौर पर वे यूजर्स जो अब तक मुफ्त ट्रेडिंग का लाभ उठा रहे थे, उन्हें इसका प्रभाव महसूस होगा।
Q: कंपनी ने यूजर्स को क्या आश्वासन दिया है?
A: कंपनी ने कहा है कि वे यथासंभव यूजर्स पर बोझ कम रखने की कोशिश करेंगे और भविष्य में अपने यूजर्स के हित में काम करते रहेंगे।

