किसानों के लिए जरूरी खबर: घर पर ऐसे करें असली-नकली खाद की पहचान

किसान भाई आज कल नकली खाद से बहुत परेशान है ओर इसके चलते उनकी खेती में काफी नुकसान हो रहा है लेकिन आप जरा सी समझदारी दिखाकर अपने आप ही खुद से नकली ओर असली खाद में अंतर कर सकते है। आइए जानते है कैसे आप इनकी पहचान कर सकते है।

Saloni Yadav
किसानों के लिए जरूरी खबर: घर पर ऐसे करें असली-नकली खाद की पहचान

किसानों के लिए फसल की पैदावार और मिट्टी की सेहत बनाए रखना सबसे बड़ी चुनौती है. लेकिन नकली खाद इस मेहनत पर पानी फेर सकती है. नकली उर्वरक न सिर्फ फसल की गुणवत्ता और उत्पादन को कम करते हैं, बल्कि मिट्टी की उर्वरता को भी नुकसान पहुंचाते हैं. अच्छी खबर यह है कि कुछ आसान तरीकों से आप घर पर ही खाद की शुद्धता की जांच कर सकते हैं. आइए जानते हैं, कृषि विशेषज्ञों की सलाह के आधार पर असली और नकली खाद की पहचान कैसे करें.

यूरिया की जांच

यूरिया की पहचान करना बेहद आसान है. इसके दाने सफेद, गोल और एकसमान होते हैं. जांच के लिए कुछ दाने पानी में डालकर हिलाएं. अगर यूरिया पूरी तरह घुल जाए और पानी ठंडा लगे, तो यह असली है. नकली यूरिया पूरी तरह नहीं घुलता और ठंडक भी नहीं देता. यह तरीका हर किसान आसानी से आजमा सकता है.

डीएपी की शुद्धता

डाय अमोनियम फॉस्फेट (डीएपी) के दाने कंकर जैसे अनियमित आकार के होते हैं. असली डीएपी की जांच के लिए दानों को हथेली पर रखकर चूना मिलाएं और रगड़ें. अगर तेज गंध आए, तो यह शुद्ध है. दूसरा तरीका है तवे पर दानों को गर्म करना. असली डीएपी के दाने फूल जाते हैं, जबकि नकली दाने वैसे ही रहते हैं.

पोटाश की पहचान

पोटाश की शुद्धता भी घर पर आसानी से जांची जा सकती है. असली पोटाश सफेद नमक या लाल मिर्च जैसा दिखता है. इसमें नमी डालने पर दाने आपस में नहीं चिपकते. अगर लाल दाने पानी में डालने पर ऊपर तैरें, तो पोटाश असली है. अगर ऐसा नहीं होता, तो मिलावट की संभावना है.

जिंक सल्फेट की जांच

जिंक सल्फेट हल्के सफेद या पीले-भूरे रंग का होता है. इसे डीएपी के घोल में मिलाकर देखें. अगर मिश्रण में थक्केदार अवशेष बनता है, तो जिंक सल्फेट असली है. यह पौधों की वृद्धि के लिए बेहद जरूरी है, और नकली जिंक सल्फेट फसल को नुकसान पहुंचा सकता है.

सिंगल सुपर फॉस्फेट (एसएसपी)

एसएसपी के दाने सख्त, ठोस और भूरे-काले या बादामी रंग के होते हैं. असली दाने नाखून या कील से आसानी से नहीं टूटते और गर्म करने पर फूलते भी नहीं. यह मिट्टी में फॉस्फोरस की मात्रा बढ़ाने में मदद करता है, जो फसल के लिए जरूरी है.

विशेषज्ञ की सलाह

कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि किसानों को हमेशा सरकार द्वारा अधिकृत दुकानों से ही खाद खरीदनी चाहिए. खरीद के समय पक्का बिल जरूर लें. अगर खाद की गुणवत्ता पर शक हो, तो तुरंत स्थानीय कृषि विभाग में शिकायत करें. इससे न सिर्फ सही उत्पाद मिलेगा, बल्कि नकली खाद बेचने वालों पर कार्रवाई भी हो सकेगी.

किसान भाइयों, इन आसान तरीकों को अपनाकर आप अपनी मेहनत और फसल को नकली खाद से बचा सकते हैं. सही खाद का इस्तेमाल करें और फसल की बंपर पैदावार पाएं.

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सलोनी यादव एक अनुभवी पत्रकार हैं जिन्होंने अपने 10 साल के करियर में कई अलग-अलग विषयों को बखूबी कवर किया है। उन्होंने कई बड़े प्रकाशनों के साथ काम किया है और अब NFL स्पाइस पर अपनी सेवाएँ दे रहा है। सलोनी यादव हमेशा प्रामाणिक स्रोतों और अपने अनुभव के आधार पर जानकारी साझा करती हैं और पाठकों को सही और विश्वसनीय सलाह देती हैं।