जैसे-जैसे दिवाली करीब आ रही है बाजार में रौनक बढ़ रही है और कर्मचारियों के चेहरों पर भी मुस्कान लौट आई है। वजह है– कंपनियों की तरफ से मिलने वाला दिवाली बोनस और गिफ्ट्स। लेकिन यह खुशी थोड़ी सोचने वाली भी है क्योंकि इन बोनस और उपहारों पर टैक्स भी देना पड़ सकता है। आइए जानते हैं कि आयकर विभाग के नियम क्या कहते हैं।
₹5,000 तक के गिफ्ट पर नहीं देना होगा टैक्स
अगर आपकी कंपनी ने आपको दिवाली पर मिठाई, छोटा गैजेट या ₹5000 तक का कोई उपहार दिया है, तो आपको चिंता करने की जरूरत नहीं है। इन पर टैक्स नहीं लगता। लेकिन यदि गिफ्ट की वैल्यू ₹5,000 से ज्यादा है, जैसे कोई स्मार्टफोन, सोने की ज्वेलरी या महंगा लैपटॉप, तो पूरी रकम आपकी इनकम में जुड़ जाएगी और उस पर टैक्स लगेगा।
उदाहरण के लिए मान लीजिये अगर किसी कर्मचारी को ₹50,000 का लैपटॉप गिफ्ट मिला, तो यह राशि उसकी सालाना इनकम में जुड़ेगी और टैक्स स्लैब के अनुसार टैक्स देना होगा।
दिवाली बोनस पर भी लागू है टैक्स का नियम
दिवाली पर बोनस मिलने की खुशी भी टैक्स के दायरे से बाहर नहीं है। अगर बोनस ₹5,000 तक है, तो कोई टैक्स नहीं लगेगा। लेकिन अगर कंपनी ₹20,000 या उससे ज्यादा का बोनस देती है, तो वह आपकी इनकम मानी जाएगी और उस पर टैक्स देना होगा।
उदाहरण के लिए मान लीजिये यदि आपकी सैलरी ₹50,000 प्रतिमाह है और आपको ₹25,000 का बोनस मिला, तो कुल ₹75,000 की इनकम मानी जाएगी। इस पर उसी स्लैब के हिसाब से टैक्स कटेगा।
बोनस और गिफ्ट्स को ITR में करें शामिल
आयकर विभाग के नियमों के अनुसार, हर कर्मचारी को अपने बोनस और गिफ्ट्स की जानकारी ITR में देनी होती है। यदि ऐसा नहीं किया गया, तो विभाग नोटिस भेज सकता है। इसलिए बेहतर है कि त्योहार की खुशियों के साथ जिम्मेदारी भी निभाएं।
नए टैक्स स्लैब 2025 के तहत कितना टैक्स देना होगा
2025 की नई टैक्स प्रणाली में स्लैब इस प्रकार तय किए गए हैं:
| आय सीमा | टैक्स दर |
|---|---|
| ₹0 से ₹4 लाख | कोई टैक्स नहीं |
| ₹4 लाख से ₹8 लाख | 5% |
| ₹8 लाख से ₹12 लाख | 10% |
| ₹12 लाख से ₹16 लाख | 15% |
| ₹16 लाख से ₹20 लाख | 20% |
| ₹20 लाख से ₹24 लाख | 25% |
त्योहार की खुशी के साथ समझदारी भी जरूरी
दिवाली पर बोनस और गिफ्ट्स मिलना हर कर्मचारी के लिए खुशी का पल होता है लेकिन यह समझना उतना ही जरूरी है कि टैक्स से बचने के बजाय सही तरह से प्लानिंग करना बेहतर है। सभी खर्च और बोनस का सही रिकॉर्ड रखें और समय पर ITR फाइल करें ताकि किसी परेशानी का सामना न करना पड़े।

