दिवाली से पहले आंगनबाड़ी वर्कर्स को बड़ा तोहफा, 50% बनेंगी सुपरवाइजर

दिवाली से पहले उत्तराखंड सरकार ने आंगनबाड़ी वर्कर्स के लिए बड़ा ऐलान किया है। अब 50% वर्कर्स सीधे सुपरवाइजर बन सकेंगी और इसके साथ ही मिनी केंद्रों को मिलेगा अपग्रेड का लाभ। इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग में भी अहम बदलाव करने की घोषणा की गई है। पढ़िए पूरी खबर -

Saloni Yadav
दिवाली से पहले आंगनबाड़ी वर्कर्स को बड़ा तोहफा, 50% बनेंगी सुपरवाइजर

देहरादुन, 14 अक्टूबर 2025 – दीपावली से पहले उत्तराखंड सरकार ने महिला कार्यकर्ताओं के लिए खुशखबरी का ऐलान किया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में सोमवार को हुई कैबिनेट बैठक में अहम फैसले लिए गए, जिनमें आंगनबाड़ी वर्कर्स के प्रमोशन के नियमों में बड़ा बदलाव शामिल है। अब राज्य में कुल 50% आंगनबाड़ी वर्कर्स, जिसमें मिनी आंगनबाड़ी वर्कर्स भी शामिल हैं, को सीधे सुपरवाइजर बनने का अवसर मिलेगा।

मिनी आंगनबाड़ी वर्कर्स के लिए बढ़ा कोटा

कैबिनेट ने ‘‘उत्तराखंड महिला एवं बाल विकास अधीनस्थ सुपरवाइजर सेवा नियमावली 2021’’ में संशोधन को मंजूरी दी है। संशोधन के तहत केंद्र सरकार की गाइडलाइंस के अनुसार, मिनी आंगनबाड़ी केंद्रों को पूर्ण आंगनबाड़ी केंद्रों में बदला जाएगा। साथ ही, सुपरवाइजर पद के लिए प्रमोशन का कोटा 40% से बढ़ाकर 50% कर दिया गया है, जिसमें मिनी आंगनबाड़ी वर्कर्स का 10% कोटा भी शामिल है।

ग्रामीण महिलाओं के लिए बड़ा कदम

राज्य सरकार का मानना है कि यह बदलाव आंगनबाड़ी वर्कर्स के समर्पण और मेहनत को सम्मान देने के साथ-साथ ग्रामीण इलाकों में महिला सशक्तिकरण को मजबूती देगा। इससे न सिर्फ करियर में उन्नति का मौका मिलेगा बल्कि सामाजिक और आर्थिक स्थिति में भी सुधार होगा।

निर्माण कार्यों को मिली मंजूरी

बैठक में रायपुर और आसपास प्रस्तावित विधानसभा क्षेत्रों में फ्रिज जोन के नियमों में मामूली बदलाव कर लो डेंसिटी हाउसिंग और छोटी दुकानों के निर्माण को मंजूरी दी गई। इसके मानक आवास विकास विभाग तय करेगा। यह निर्णय स्थानीय लोगों को आवास और छोटे व्यवसायों के अवसर दिलाने में मदद करेगा।

स्वास्थ्य विभाग में अहम बदलाव

कैबिनेट ने चिकित्सा स्वास्थ्य एवं शिक्षा विभाग के सेवा नियमों में भी संशोधन को मंजूरी दी है। अब, 5 साल की संतोषजनक सेवा पूरी करने वाले स्वास्थ्य कार्यकर्ता और हेल्थ सुपरवाइजर अपने जीवनकाल में एक बार पारस्परिक स्थानांतरण के लिए आवेदन कर सकेंगे। स्थानांतरण के बाद वे नए जिले में सबसे जूनियर माने जाएंगे। साथ ही, खाली पदों की उपलब्धता के आधार पर पहाड़ से पहाड़ और मैदानी जिलों से पर्वतीय जिलों में स्थानांतरण की अनुमति मिलेगी।

क्यों खास है यह फैसला?

आंगनबाड़ी वर्कर्स और स्वास्थ्य कर्मियों के लिए यह कदम उनके पेशेवर विकास और योगदान का सम्मान है। ग्रामीण क्षेत्रों में महिला कार्यकर्ताओं के लिए यह बदलाव एक मजबूत सामाजिक और आर्थिक अवसर प्रदान करेगा, जो राज्य के विकास की दिशा में महत्वपूर्ण साबित होगा।

Share This Article
Follow:
सलोनी यादव एक अनुभवी पत्रकार हैं जिन्होंने अपने 10 साल के करियर में कई अलग-अलग विषयों को बखूबी कवर किया है। उन्होंने कई बड़े प्रकाशनों के साथ काम किया है और अब NFL स्पाइस पर अपनी सेवाएँ दे रहा है। सलोनी यादव हमेशा प्रामाणिक स्रोतों और अपने अनुभव के आधार पर जानकारी साझा करती हैं और पाठकों को सही और विश्वसनीय सलाह देती हैं।