चंडीगढ़. हरियाणा पुलिस में बड़ा बदलाव आ गया है। राज्य सरकार ने डीजीपी शत्रुजीत सिंह कपूर को अवकाश पर भेज दिया है, और उनके स्थान पर आईपीएस अधिकारी ओम प्रकाश सिंह को डीजीपी का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा है। यह फैसला एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी वाई. पुरण कुमार की कथित आत्महत्या के मामले के बीच लिया गया है, जिसमें कपूर पर गंभीर आरोप लगे हैं।
हरियाणा के गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव ने मंगलवार को जारी आदेश में कहा है कि 1992 बैच के आईपीएस ओम प्रकाश सिंह, जो वर्तमान में हरियाणा पुलिस हाउसिंग कॉरपोरेशन के प्रबंध निदेशक, फॉरेंसिक साइंस लैबोरेटरी मधुबन के निदेशक और हरियाणा स्टेट नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के महानिदेशक हैं, उन्हें शत्रुजीत सिंह कपूर (1990 बैच) की छुट्टी की अवधि के दौरान डीजीपी हरियाणा का अतिरिक्त जिम्मा दिया गया है। राज्यपाल ने इस नियुक्ति को मंजूरी दे दी है।
यह विवादास्पद घटना 7 अक्टूबर को चंडीगढ़ में हुई, जब वाई. पुरण कुमार ने अपनी जान दे ली। मृतक अधिकारी ने अपनी सुसाइड नोट में आठ वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों, जिसमें डीजीपी कपूर और पूर्व रोहतक एसपी नरेंद्र बिजरनिया शामिल हैं, पर जातिगत भेदभाव, मानसिक उत्पीड़न, सार्वजनिक अपमान और सत्ता के दुरुपयोग के आरोप लगाए। परिवार ने पोस्टमॉर्टम कराने से इनकार कर दिया है, जब तक आरोपी अधिकारी गिरफ्तार न हों। विपक्षी दलों और परिवार की ओर से लगातार कार्रवाई की मांग हो रही है।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी इस मामले पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि आरोपी पर अभी तक कोई ठोस कार्रवाई न होना दलित समुदाय को गलत संदेश दे रहा है। सरकार ने मामले की जांच के लिए स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) गठित की है, लेकिन पोस्टमॉर्टम में देरी से जांच प्रभावित हो रही है।
ओम प्रकाश सिंह के पास अपराध रोकथाम और सामुदायिक पहलों का लंबा अनुभव है। उनका आगमन हरियाणा पुलिस में नई ऊर्जा ला सकता है, खासकर इस संवेदनशील दौर में। विशेषज्ञों का मानना है कि यह बदलाव विभाग में पारदर्शिता बढ़ाने की दिशा में एक कदम है। हम आगे की अपडेट्स पर नजर रखेंगे।

