EPFO Big Decision: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने कर्मचारियों की बचत को सुरक्षित रखने के लिए बड़ा कदम उठाया है. अब रिटायरमेंट से पहले पूरा PF अकाउंट खाली करना पहले से कहीं ज्यादा सख्त कर दिया गया है. सरकार का मकसद है कि कर्मचारियों को जरूरत के समय फंड की सुविधा तो मिले लेकिन उनके बुढ़ापे की आर्थिक सुरक्षा भी बनी रहे.
केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री मनसुख मांडविया की अध्यक्षता में हुई हालिया बैठक में EPFO ने कई अहम निर्णय लिए जिनका असर करोड़ों नौकरीपेशा लोगों पर होगा. देश में आज के समय में करोड़ों लोग है जो प्राइवेट सेक्टर में काम करते है और उनका हर महीने EPF में योगदान रहता है लेकिन इस साल के EPFO की तरफ से जारी किये आंकड़ों के अनुसार कुछ फीसदी लोगों के PF खाते में ही उनके रिटायरमेंट के लिए फंड बचता है और बाकि लोग पहले ही अपना पैसा निकाल लेते है. इसके लिए सरकार ने नियमों में अब बदलाव कर दिया है.आइये जानते है की कौन कौन से नियम अब बदल दिए गए है –
नए नियमों के अनुसार कुछ जरुरी जानकारी
- न्यूनतम बैलेंस जरूरी: अब हर PF खाते में कम से कम 25% राशि बनी रहनी चाहिए. यानी खाता पूरी तरह खाली नहीं किया जा सकेगा.
- पूरे फंड के लिए लंबा इंतजार: पहले जहां नौकरी छोड़ने के बाद पूरा PF निकालने के लिए 2 महीने का इंतजार होता था, अब यह अवधि 12 महीने कर दी गई है.
- पेंशन फंड निकासी पर नई शर्त: पेंशन निकालने की अवधि 2 महीने से बढ़ाकर 36 महीने कर दी गई है. अधिकारियों का कहना है कि लोग जल्दबाज़ी में पूरी राशि निकाल लेते थे जिससे बुढ़ापे में संकट बढ़ जाता था.
जरूरत पर मिलेगा पैसा, प्रक्रिया हुई आसान
सरकार ने यह भी स्पष्ट किया कि वास्तविक जरूरतों पर आंशिक निकासी पाने में कर्मचारियों को कोई दिक्कत नहीं होगी. इलाज, शादी या बच्चों की पढ़ाई जैसी परिस्थितियों में पैसा निकालने की प्रक्रिया को पहले से काफी आसान बनाया गया है. EPFO के अनुसार पिछलें साल आंशिक निकासी के लिए 7 करोड़ आवेदन आए जिनमें से 6 करोड़ को मंजूरी दी गई थी. संगठन का मानना है कि यह कदम कर्मचारियों की तात्कालिक जरूरत और उनके भविष्य दोनों को ध्यान में रखकर लिया गया है.
‘कर्मचारी नामांकन अभियान’ से मिलेगा नया मौका
उन कर्मचारियों के लिए भी राहत भरी खबर है जो अब तक EPF योजना से नहीं जुड़ पाए थे. EPFO ने 1 नवंबर से ‘कर्मचारी नामांकन अभियान’ शुरू करने की घोषणा की है. इस योजना में जुलाई 2017 से अक्टूबर 2025 के बीच नौकरी करने वाले ऐसे लोग शामिल होंगे जिनका PF खाता नहीं खुल पाया था. इसमें नियोक्ताओं को सिर्फ कर्मचारी का हिस्सा और ब्याज जमा करना होगा. अगर कर्मचारी के वेतन से पहले कोई कटौती नहीं हुई थी तो उसे पिछला योगदान भरने से छूट मिलेगी. जुड़ने पर केवल 100 रुपये का नाममात्र जुर्माना देना होगा.
तो कुल मिलाकर सरकार ने कर्मचारियों को एक तरह निकासी के नियमों को आसान करके लाभ देने की कोशिश की है तो वहीं कुछ नए नियम भी लागु कर दिए है जिससे कर्मचारी अपने रिटायरमेंट के लिए भी पैसे की बचत कर सके. आपको जानकारी पसंद आई तो इसको अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करें.

