Asrani Passes Away: ‘शोले’ के जेलर ने दुनिया को अलविदा कहा, दिवाली पर फैंस सदमे में

Asrani Passes Away: 'शोले' के आइकॉनिक जेलर ने 84 की उम्र में दुनिया अलविदा कहा। दिवाली शुभकामनाओं के ठीक बाद मुंबई में निधन, फैंस शोक में डूबे। बॉलीवुड की अनमोल यादें।

Saloni Yadav
Asrani Passes Away: 'शोले' के जेलर ने दुनिया को अलविदा कहा, दिवाली पर फैंस सदमे में

Asrani Passes Away: हिंदी सिनेमा के उन चेहरे जो हंसी के ठहाके बिखेरते थे, आज वो हमेशा के लिए चुप हो गए। दिग्गज अभिनेता असरानी, जिन्हें ‘शोले’ फिल्म के जेलर के किरदार से हर कोई जानता है, का सोमवार शाम को मुंबई में निधन हो गया। उम्र थी महज 84 साल। ये खबर उनके चाहने वालों के लिए किसी सदमे से कम नहीं। सुबह ही उन्होंने इंस्टाग्राम पर दिवाली की शुभकामनाएं दी थीं, और कुछ घंटों बाद ये दुखद खबर आ गई।

फिल्म इंडस्ट्री में शोक की लहर दौड़ गई है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, असरानी पिछले कई महीनों से लंबी बीमारी से जूझ रहे थे। शाम करीब 4 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। निधन का सटीक कारण अभी सामने नहीं आया है, लेकिन परिवार ने अंतिम संस्कार चुपचाप कर दिया। असरानी ने खुद अपनी पत्नी मंजू असरानी को कहा था कि मौत की खबर पर कोई हंगामा न हो। इसलिए कोई औपचारिक ऐलान भी नहीं किया गया।

जयपुर से मुंबई तक का सफर, जो बना हंसी का राजा

असरानी का असली नाम गोवर्धन रामासरानी था। वो मूल रूप से राजस्थान के जयपुर शहर के रहने वाले थे। 1941 में जन्मे असरानी ने अपने करियर की शुरुआत संघर्षों से की। 1966 में फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (FTII) पुणे के पहले बैच से ग्रेजुएट हुए। शुरुआती फिल्मों में छोटे-मोटे रोल मिले, जैसे ‘हम कहां जा रहे हैं’, ‘उमंग’ और ‘सत्यकाम’। लेकिन हृषिकेश मुखर्जी जैसे दिग्गजों के साथ काम करने का मौका मिला तो किस्मत चमक गई।

उन्होंने करीब 350 से ज्यादा हिंदी फिल्मों में काम किया। हर रोल में उनकी कॉमिक टाइमिंग और अंदाज़ ने दर्शकों को बांध रखा। खासकर 70 और 80 के दशक में वो बॉलीवुड के फेवरेट साइडकिक बने। गंभीर रोल्स से लेकर हास्य के ठहाकों तक, असरानी ने सबमें कमाल दिखाया।

‘शोले’ का जेलर, जो आज भी याद है

असरानी का सबसे आइकॉनिक रोल तो 1975 की ब्लॉकबस्टर ‘शोले’ में जेलर का था। स्क्रीन राइटर्स सलीम-जावेद ने उन्हें हिटलर की किताब देकर प्रेरणा ली थी। असरानी ने हिटलर की आवाज़ की रिकॉर्डिंग सुनकर वो डायलॉग बोला, “हम अंग्रेजों के जमाने के जेलर हैं”। सिनेमा हॉल में तालियां बज उठीं। ये सीन आज भी फैंस के फेवरेट है।

‘शोले’ के अलावा उन्होंने कई सुपरहिट फिल्मों में धमाल मचाया। जैसे ‘भूल भुलैया’ में भूतिया रोल, ‘धमाल’ की कॉमेडी, ‘वेलकम’ के फनी सीन, ‘ऑल द बेस्ट’ का मास्टरपीस, ‘आर… राजकुमार’ का एक्शन-कॉमेडी मिक्स, और हाल ही में ‘बंटी और बबली 2’। राजेश खन्ना के साथ 25 से ज्यादा फिल्में कीं। वो डेविड धवन, प्रियदर्शन और रोहित शेट्टी जैसे डायरेक्टर्स के साथ भी खूब चमके।

90 के दशक में कॉमेडी रोल्स कम हुए तो थोड़ा ब्रेक मिला, लेकिन 2000 के बाद फिर कमबैक हो गया। असरानी ने 6 फिल्में डायरेक्ट भी कीं, जैसे ‘आज की ताजा खबर’ और ‘चला मुरारी हीरो बनने’। उनका स्टाइल इतना सिंपल था कि हर पीढ़ी के लोग जुड़ जाते थे।

बॉलीवुड ने खोया एक रत्न, यादें रहेंगी अमर

असरानी की विदाई से हिंदी सिनेमा थोड़ा फीका पड़ गया। वो वो कलाकार थे जो स्क्रीन पर आते ही मुस्कान बिखेर देते। फैंस सोशल मीडिया पर उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं। एक यूजर ने लिखा, “जेलर साहब, आपकी हंसी कभी न मिटेगी।” फिल्म इंडस्ट्री के बड़े नाम भी सदमे में हैं।

असरानी की विरासत को आने वाली नस्लें याद रखेंगी। वो साबित करते थे कि हंसी सिर्फ मनोरंजन नहीं, जिंदगी का हिस्सा है। दिवाली के इस खुशी के मौके पर ये खबर दुखद है, लेकिन उनकी यादें रोशनी की तरह चमकती रहेंगी।

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सलोनी यादव एक अनुभवी पत्रकार हैं जिन्होंने अपने 10 साल के करियर में कई अलग-अलग विषयों को बखूबी कवर किया है। उन्होंने कई बड़े प्रकाशनों के साथ काम किया है और अब NFL स्पाइस पर अपनी सेवाएँ दे रहा है। सलोनी यादव हमेशा प्रामाणिक स्रोतों और अपने अनुभव के आधार पर जानकारी साझा करती हैं और पाठकों को सही और विश्वसनीय सलाह देती हैं।