शामली। उत्तर प्रदेश के शामली जिले में पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए स्थानीय डॉक्टरों ने बुधवार को विरोध प्रदर्शन किया। डॉक्टरों का आरोप है कि पुलिस बिना जांच के फर्जी मुठभेड़ों को अंजाम दे रही है और उन्हें इसमें शामिल करने का दबाव बना रही है।
पुलिस पर गंभीर आरोप
डॉक्टरों ने दावा किया कि पुलिस अधिकारी उन्हें जबरदस्ती ऐसे मामलों में शामिल कर रहे हैं, जहां अपराधियों को पहले से ही गोली मार दी जाती है। एक डॉक्टर ने कहा, “पुलिस खुद 20 गोलियां मारकर अपराधी को लाती है और फिर हमसे एक गोली का पोस्टमॉर्टम लिखवाने का दबाव बनाती है। हम अब इनके पर्चे खोलेंगे।” प्रदर्शनकारी डॉक्टरों का कहना है कि वे पुलिस की इस कार्यशैली के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं।
चोरी का खुलासा नहीं, गुस्सा फूटा
इस प्रदर्शन की वजह सीएमएस के घर में हुई चोरी का मामला बताया जा रहा है, जिसका पुलिस द्वारा अब तक खुलासा नहीं किया गया है। डॉक्टरों का कहना है कि पुलिस की लापरवाही और अपराधिक गतिविधियों पर नियंत्रण न होने से आम जनता और चिकित्सक समुदाय दोनों ही असुरक्षित महसूस कर रहे हैं।
पुलिस का बयान
वहीं, पुलिस ने इन आरोपों पर अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है। स्थानीय पुलिस अधिकारियों का कहना है कि वे मामले की जांच कर रहे हैं और जल्द ही स्थिति स्पष्ट करेंगे।
राजनीतिक बयानबाज़ी भी हुई शुरू
इस घटना के बाद विपक्षी दलों ने योगी आदित्यनाथ सरकार पर निशाना साधा है। समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा, “पुलिस के अपराध में डॉक्टर भी शामिल रहते हैं। अपनी ड्यूटी ईमानदारी से न करके पुलिस के कहने पर रिपोर्ट बनाते हैं। यह किस तरह का कानून का राज है?”
निष्पक्ष जांच की मांग
प्रदर्शनकारी डॉक्टरों ने मांग की है कि पुलिस की कार्यप्रणाली की निष्पक्ष जांच हो और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो वे अपना आंदोलन और तेज करेंगे।
इस घटना ने एक बार फिर उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय लोगों और चिकित्सक समुदाय के बीच पुलिस पर भरोसा घटता जा रहा है, जिससे स्थिति और गंभीर होती जा रही है

