हरियाणा सरकार ने गरीबों के लिए जारी बीपीएल (Below Poverty Line) कार्ड की सूची में बड़ा बदलाव किया है। राज्य के खाद्य एवं आपूर्ति विभाग (Food and Supplies Department) ने पिछले कुछ महीनों में लगभग 4.73 लाख BPL कार्ड रद्द कर दिए हैं। यह कार्रवाई उन परिवारों पर हुई जो अब निर्धारित पात्रता मानकों पर खरे नहीं उतरे।
किन वजहों से हटाए गए परिवारों के नाम
विभागीय जांच (Departmental Inquiry) में पाया गया कि कई परिवारों की आर्थिक स्थिति नियमों के अनुरूप नहीं थी। सरकारी रिपोर्ट में यह कारण बताए गए हैं:
परिवारों की वार्षिक आय (Annual Income) 1.80 लाख रुपये से अधिक थी।
बिजली बिल (Electricity Bill) सालाना 30 हजार रुपये से ज्यादा आए।
कुछ परिवारों के नाम 400 गज से बड़ी भूमि (Land Registry) दर्ज थी।
घर में दोपहिया या चारपहिया वाहन (Two-wheeler/Four-wheeler) मौजूद थे।
इन सभी कारणों से ऐसे परिवारों के नाम बीपीएल सूची (BPL List) से हटा दिए गए।
नवंबर तक घटकर रह गए 41 लाख BPL कार्ड
नवीनतम सरकारी आंकड़ों के अनुसार, नवंबर 2025 तक हरियाणा में बीपीएल कार्डधारक परिवारों (Cardholder Families) की संख्या घटकर 40 लाख 66 हजार 770 रह गई है।
केवल पिछले दो महीनों में ही 4 लाख 73 हजार 247 कार्ड रद्द किए गए हैं, जिससे लगभग 12.89 लाख लोग प्रभावित हुए हैं। अप्रैल 2025 में इन परिवारों की संख्या 52 लाख से अधिक थी।
अक्टूबर-नवंबर में जिलावार कार्ड कटौती
नवीनतम रिपोर्ट में अक्टूबर और नवंबर महीने के दौरान जिलावार BPL कार्ड कटौती के आंकड़े इस प्रकार हैं:
| जिला | कटे कार्ड |
|---|---|
| अंबाला | 18,659 |
| भिवानी | 23,325 |
| चरखी दादरी | 11,582 |
| फरीदाबाद | 44,575 |
| फतेहाबाद | 15,439 |
| गुरुग्राम | 36,036 |
| हिसार | 34,731 |
| झज्जर | 19,683 |
| जींद | 22,382 |
| कैथल | 17,555 |
| करनाल | 27,219 |
| कुरुक्षेत्र | 17,504 |
| महेंद्रगढ़ | 19,468 |
| नूह | 11,696 |
| पलवल | 15,853 |
| पंचकूला | 8,579 |
| पानीपत | 21,101 |
| रेवाड़ी | 18,253 |
| रोहतक | 20,278 |
| सिरसा | 26,005 |
| सोनीपत | 25,574 |
| यमुनानगर | 17,550 |
| कुल | 4,73,247 |
आगे क्या?
सरकार का कहना है कि यह प्रक्रिया पारदर्शिता (Transparency) सुनिश्चित करने के लिए की गई है, ताकि वास्तविक पात्र (Eligible Beneficiaries) ही योजनाओं का लाभ उठा सकें। विभाग अब नई पात्रता जांच प्रक्रिया शुरू करने जा रहा है, जिससे योग्य परिवारों के नाम दोबारा जोड़े जा सकें।
