Haryana News: अगर आप भी दिल्ली-एनसीआर के चक्कर में घंटों जाम में फंसकर परेशान हो चुके हैं, तो आपके लिए गुड न्यूज है भाई! हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश की कनेक्टिविटी को सुपरफास्ट बनाने के लिए एक नया ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे बनने जा रहा है। ये नया हाईवे पलवल (हरियाणा) से शुरू होकर सीधे अलीगढ़ (उत्तर प्रदेश) तक जाएगा। इससे नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद, मेरठ से गुरुग्राम तक का सफर हवा हो जाएगा।
32 किलोमीटर का सुपर हाईवे, खर्चा 2300 करोड़!
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक ये नया राजमार्ग करीब 32 किलोमीटर लंबा होगा। ये यमुना एक्सप्रेसवे को टप्पल में और ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेसवे को पलवल इंटरचेंज से जोड़ेगा। कुल खर्चे की बात करें तो करीब 2300 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है। अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही टेंडर प्रक्रिया शुरू हो जाएगी और काम जोर-शोर से चलेगा।
अब आगरा-मथुरा जाने में लगेगा आधा समय!
सबसे बड़ी बात – सारसौल से यमुना एक्सप्रेसवे तक का सफर अब महज एक घंटे में पूरा हो जाएगा। मतलब आगरा, मथुरा, वृंदावन घूमने का प्लान बनाया तो सुबह निकले और दोपहर तक पहुंच जाओ।
अलीगढ़ से नोएडा की दूरी भी काफी कम हो जाएगी। जो लोग रोज गुरुग्राम ऑफिस जाते हैं और नोएडा से आते हैं, उनके लिए तो जैसे वरदान साबित होगा ये एक्सप्रेसवे। जाम का झंझट खत्म, पेट्रोल-डीजल की बचत और टाइम की भी बचत!
इन 43 गांवों की जमीन से गुजरेगा हाईवे
हालांकि अच्छी खबर के साथ थोड़ी कड़वी सच्चाई भी है। इस प्रोजेक्ट के लिए अलीगढ़ जिले के करीब 43 गांवों की जमीन अधिग्रहण की जाएगी। इनमें अंडला, अर्राना, जरारा, चौधाना, तरौरा, नयावास, रसूलपुर, ऐंचना, उदयगढ़ी, बमौती, लक्ष्मणगढ़ी, मऊ, बांकनेर, धर्मपुर, नगला अस्सू, दमुआका, खैर, उसरहपुर रसूलपुर, नागल कलां समेत कई गांव शामिल हैं। प्रशासन का दावा है कि किसानों को उचित मुआवजा दिया जाएगा और पुनर्वास की पूरी व्यवस्था की जाएगी।
व्यापार को लगेंगे पंख, नौकरियां भी बढ़ेंगी
स्थानीय लोगों और कारोबारियों में इस प्रोजेक्ट को लेकर जबरदस्त उत्साह है। अलीगढ़ के लॉक इंडस्ट्री और आलू कारोबारियों का कहना है कि गुरुग्राम, नोएडा और दिल्ली के मार्केट तक माल पहुंचाना आसान हो जाएगा।
साथ ही हरियाणा के इंडस्ट्रियल एरिया से यूपी तक कच्चा माल लाना भी सस्ता पड़ेगा। विशेषज्ञों की मानें तो इस एक्सप्रेसवे से लाखों लोगों को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे और क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था को तगड़ा बूस्ट मिलेगा।
फिलहाल प्रोजेक्ट की डीपीआर तैयार हो चुकी है और केंद्र व राज्य सरकार की मंजूरी के बाद जल्द ही जमीन पर काम शुरू होने की उम्मीद है। अगर सबकुछ प्लान के मुताबिक रहा तो अगले 2-3 साल में ये सपनों का एक्सप्रेसवे तैयार हो जाएगा।