सर्दियों का कहर: कोहरे ने थामी रेलों की रफ्तार, 32 ट्रेनें पूरी तरह रद्द, 20 की फ्रीक्वेंसी घटी

Rajveer Singh
सर्दियों का कहर: कोहरे ने थामी रेलों की रफ्तार, 32 ट्रेनें पूरी तरह रद्द, 20 की फ्रीक्वेंसी घटी

नई दिल्ली/अंबाला – जैसे-जैसे दिसंबर का महीना नजदीक आ रहा है, उत्तर भारत में सुबह-सुबह घना कोहरा छा जाने लगा है। सड़कें तो सड़कें, अब रेलवे ट्रैक भी कोहरे की चपेट में हैं। हर साल की तरह इस बार भी घने कोहरे के चलते रेलवे को मजबूरन कई ट्रेनें या तो पूरी तरह रद्द करनी पड़ रही हैं या उनकी आवृत्ति कम करनी पड़ रही है। यात्रियों के लिए यह खबर किसी झटके से कम नहीं, क्योंकि त्योहारों और छुट्टियों का मौसम शुरू होने वाला है और घर लौटने की तैयारियों पर पानी फिरता दिख रहा है।

तीन महीने तक रहेगा असर, 56 ट्रेनें प्रभावित

उत्तर रेलवे के अंबाला मंडल ने कोहरे को देखते हुए बड़ा फैसला लिया है। दिसंबर से फरवरी तक पूरे तीन महीनों के लिए 32 ट्रेनें पूरी तरह रद्द रहेंगी, जबकि 20 ट्रेनों की साप्ताहिक फ्रीक्वेंसी में भारी कटौती की गई है। अंबाला रेल मंडल के सीनियर डीसीएम नवीन कुमार ने बताया, “यात्रियों की सुरक्षा सबसे ऊपर है। कोहरे में विजिबिलिटी न के बराबर रहती है, ऐसे में हादसे का खतरा बहुत बढ़ जाता है। इसलिए पहले से ही ये कदम उठाए जा रहे हैं ताकि लोग अपनी यात्रा की वैकल्पिक व्यवस्था कर सकें।”

कौन-कौन सी ट्रेनें हुईं रद्द?

सबसे ज्यादा असर जम्मूतवी, काठगोदाम, अमृतसर, मालदा टाउन, लालकुआं, पूर्णिया, फिरोजपुर, कटरा, नंगल डैम और वाराणसी जाने वाली ट्रेनों पर पड़ा है। कुछ प्रमुख ट्रेनें इस प्रकार हैं:

  • 12207/08 काठगोदाम-जम्मूतवी गरीब रथ
  • 12209/10 कानपुर-काठगोदाम गरीब रथ
  • 14003/04 मालदा टाउन-नई दिल्ली एक्सप्रेस
  • 14615/16 लालकुआं-अमृतसर एक्सप्रेस
  • 14617/18 पूर्णिया कोर्ट-अमृतसर जनसेवा एक्सप्रेस
  • 14503/04 कालका-श्री माता वैष्णो देवी कटरा एक्सप्रेस
  • 12327/28 हावड़ा-देहरादून उपासना एक्सप्रेस
  • 19611/14 अजमेर-अमृतसर एक्सप्रेस समेत कुल 32 ट्रेनें।

इनमें से ज्यादातर ट्रेनें 1 दिसंबर से लेकर 28 फरवरी या 2 मार्च तक किसी न किसी तारीख से पूरी तरह बंद रहेंगी।

फ्रीक्वेंसी घटी, अब कम दिन चलेंगी ये ट्रेनें

कुछ ट्रेनों को पूरी तरह बंद करने की बजाय रेलवे ने उनकी साप्ताहिक संख्या कम कर दी है। मिसाल के तौर पर:

  • आनंद विहार-भागलपुर गरीब रथ (22405/06) अब सप्ताह में सिर्फ 2 दिन चलेगी
  • हावड़ा-काठगोदाम बाघ एक्सप्रेस (13019/20) भी 6 दिन की जगह कम दिन
  • कोलकाता-अमृतसर अकाल तख्त एक्सप्रेस (12317/18) अब अलग-अलग दिन
  • कानपुर-नई दिल्ली शताब्दी (12033/34) सप्ताह में सिर्फ 4 दिन
  • अवध असम एक्सप्रेस (15909/10) भी अब 6 दिन ही चलेगी।

यात्रियों की मुश्किलें बढ़ीं, टिकट रिफंड का इंतजार

जिन लोगों ने पहले से टिकट बुक कर रखे हैं, उनके लिए यह फैसला परेशानी का सबब बन गया है। रेलवे ने कहा है कि सभी रद्द ट्रेनों का टिकट ऑटोमैटिक कैंसल हो जाएगा और पूरा रिफंड यात्रियों के खाते में आएगा। लेकिन त्योहारों के सीजन में अचानक प्लान बदलने की मजबूरी कई परिवारों को भावुक भी कर रही है।

कोहरे का यह कहर सिर्फ ट्रेनों तक सीमित नहीं है। पिछले कुछ सालों में कोहरे की वजह से हुए रेल हादसों ने सैकड़ों जिंदगियां छीनी हैं। रेलवे का कहना है कि सुरक्षा से समझौता नहीं किया जा सकता। यात्रियों से अपील है कि वे IRCTC की वेबसाइट या ऐप पर लगातार अपडेट चेक करते रहें और जरूरत पड़े तो दूसरी ट्रेन या बस का सहारा लें।

सर्दी अभी और सितम ढाएगी। कोहरा भी अपना रंग दिखाएगा। लेकिन इन सबके बीच एक बात साफ है – जिंदगी सबसे कीमती है। रेलवे ने जो कदम उठाया है, वह मजबूरी भी है और जिम्मेदारी भी।

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राजवीर सिंह एक पेशेवर कंटेंट राइटर हैं, जिन्हें पत्रकारिता का अनुभव है और स्थानीय, सामुदायिक और अंतर्राष्ट्रीय घटनाओं की गहरी समझ रखते हैं। वे अपने ज्ञान का उपयोग न केवल अपनी शैक्षणिक पृष्ठभूमि, बल्कि अपनी प्रत्यक्ष समझ के आधार पर जानकारीपूर्ण लेख लिखने में करते हैं। वे केवल सूचना देने के लिए नहीं, बल्कि आवाज़ उठाने के लिए भी लिखते हैं।