भिवानी। बवानीखेड़ा थाना क्षेत्र में पराली जलाने की शिकायत मिलते ही प्रशासन ने तुरंत एक्शन ले लिया। दो किसानों पर मुकदमा ठोंक दिया गया है। नाम हैं – अलखपुरा गांव के रमेशचंद और होशियार सिंह। दोनों ने अपने-अपने खेतों में पराली को आग लगा दी थी, जिसकी शिकायत कृषि विकास अधिकारी बिशन सिंह ने सीधे थाने में जाकर दर्ज कराई।
बिशन सिंह ने बताया कि टीम जब मौके पर पहुंची तो खेतों में धुआं ही धुआं था। फोटो खींचे, निरीक्षण किया और सारी रिपोर्ट पुलिस को सौंप दी। बस फिर क्या था, थाना बवानीखेड़ा में बीएनएस की कई धाराओं के साथ-साथ पर्यावरण दूषित करने वाली धारा भी लगा दी गई।
पुलिस वालों का कहना है कि ऊपर से डीसी साहब के सख्त आदेश हैं। पराली जलाना मतलब सीधे-सीधे नियम तोड़ना। बोले, “पर्यावरण को तो नुकसान होता ही है, साथ में आसपास की हवा भी जहरीली हो जाती है। अब जो भी ऐसा करेगा, उसकी खैर नहीं।”
दरअसल पिछले कुछ दिनों से इलाके में पराली जलाने के केस बढ़ गए थे। कहीं-कहीं तो रात के अंधेरे में आग लगाकर किसान भाग जाते थे। लेकिन इस बार कृषि विभाग की टीम अलर्ट थी। जैसे ही सूचना मिली, तुरंत पहुंच गए।
अब गांवों में खुसर-पुसर शुरू हो गई है। किसान एक-दूसरे से कह रहे हैं – “अब तो सच में जलाओगे तो जेल हो जाएगी भाई।” प्रशासन ने साफ कह दिया है कि अपील बहुत की, समझाया बहुत, अब जो गलती करेगा उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई होगी।
फिलहाल दोनों किसानों के खिलाफ केस दर्ज हो चुका है। आगे जांच होगी, फिर देखते हैं कोर्ट क्या कहता है। लेकिन इतना तय है कि भिवानी जिले में पराली जलाने वालों की अब शामत आ गई लगती है।

