नई दिल्ली (New Delhi): इलेक्शन कमीशन (Election Commission) ने वोटर लिस्ट (voter list) के स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन यानी SIR को लेकर एक अहम फैसला लिया है। SIR प्रोसेस को सात दिन और बढ़ा दिया गया है।
अब BLOs यानी बूथ लेवल ऑफिसर्स (Booth Level Officers) को 11 दिसंबर तक यह काम पूरा करना होगा। पहले यह डेडलाइन (deadline) 4 दिसंबर थी।
काम के बोझ और विपक्ष के आरोपों पर फैसला
BLOs पर काम के बोझ और विपक्षी राजनीतिक पार्टियों (opposition political parties) के आरोपों और मांगों के कारण इलेक्शन कमीशन ने SIR की डेडलाइन बढ़ाने का फैसला किया है।
इलेक्शन कमीशन के निर्देश में 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (union territories) में SIR का काम चल रहा है। इस काम के दौरान कई BLOs के मारे जाने की भी खबरें आई हैं, जिससे इस फैसले की जरूरत और बढ़ गई थी।
The Election Commission of India has announced a revised Schedule, extending the relevant dates by one week for the ongoing Special Intensive Revision (SIR) of Electoral Rolls in 12 States/UTs, with 01.01.2026 as the qualifying date. pic.twitter.com/sJB7nHH7A6
— ANI (@ANI) November 30, 2025
12 राज्यों में चल रहा है SIR
इलेक्शन कमीशन इन 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में SIR का काम करा रहा है:
- अंडमान और निकोबार आइलैंड्स (Andaman and Nicobar Islands)
- छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh)
- गोवा (Goa)
- गुजरात (Gujarat)
- केरल (Kerala)
- लक्षद्वीप (Lakshadweep)
- मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh)
- पुडुचेरी (Puducherry)
- राजस्थान (Rajasthan)
- तमिलनाडु (Tamil Nadu)
- उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh)
- पश्चिम बंगाल (West Bengal)
घुसपैठियों और मृतकों के वोट हटाना है मकसद
इलेक्शन कमीशन का मुख्य मकसद SIR के जरिए घुसपैठियों (infiltrators) और मृतकों (deceased persons) के वोट हटाकर वोटर लिस्ट को रिवाइज (revise) करना है।
यह एक बेहद संवेदनशील और महत्वपूर्ण काम है, क्योंकि साफ-सुथरी वोटर लिस्ट से ही चुनाव की शुद्धता सुनिश्चित होती है।
कर्मचारियों को मिली राहत
डेडलाइन में सात दिन की बढ़ोतरी से इसमें शामिल कर्मचारियों को काफी राहत मिली है। BLOs अब 11 दिसंबर तक यह काम अच्छे से पूरा कर सकेंगे।
वैसे भी इस तरह के काम में जल्दबाजी करने से गलतियां होने का खतरा रहता है। सात दिन का अतिरिक्त समय मिलने से अब ये अधिकारी बिना दबाव के सही तरीके से वोटर लिस्ट की जांच कर पाएंगे।
यह फैसला इलेक्शन कमीशन की संवेदनशीलता को भी दर्शाता है कि वह कर्मचारियों के काम के बोझ को समझता है।
