Haryana News: हरियाणा पुलिस में नए साल के साथ बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। राज्य सरकार 2026 की शुरुआत में नया डीजीपी नियुक्त करने की तैयारी लगभग पूरी कर चुकी है। सूत्रों के अनुसार, सरकार ने 7 वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों का पैनल तैयार किया है, जिन्हें डीजीपी पद की दौड़ में शामिल किया गया है।
इस सूची में सबसे ऊपर रखा गया नाम सबसे ज्यादा चर्चा में है—शत्रुजीत कपूर, जो फिलहाल छुट्टी पर चल रहे हैं।
राज्य की पुलिस व्यवस्था में बीते कुछ महीनों से लगातार उठापटक चल रही है। आईपीएस वाई पूरन कुमार की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के बाद इसका असर सीधे तौर पर शीर्ष स्तर की पोस्टिंग्स पर भी दिखाई दिया। इसी विवाद के बीच सरकार ने शत्रुजीत कपूर को छुट्टी पर भेज दिया था और उनकी जगह आईपीएस ओपी सिंह को अस्थायी तौर पर एडिशनल डीजीपी का चार्ज दिया गया था।
हालाँकि, पैनल में चौंकाने वाली बात यह है कि ओपी सिंह और मोहम्मद अकील, दोनों के नाम शामिल नहीं किए गए हैं। वजह भी साफ है—दोनों अधिकारी 31 दिसंबर को रिटायर हो रहे हैं, इसलिए उन्हें स्वाभाविक रूप से सूची में जगह नहीं मिली।
कौन हैं दौड़ में?
उच्च स्तर के अधिकारियों के अनुसार सरकार ने जिन नामों को पैनल में शामिल किया है, उनमें पुलिसिंग और प्रशासनिक अनुभव दोनों का संतुलन दिखता है। सूची में शामिल अधिकारी:
- शत्रुजीत कपूर
- अजय सिंघल
- संजीव जैन
- आलोक मित्तल
- एएस चावला
- एडीजीपी नवदीप सिंह विर्क
- एडीजीपी कलाराम चंद्रन (नवदीप सिंह विर्क की पत्नी)
इन नामों का पैनल में आना ये साफ करता है कि सरकार इस बार डीजीपी चयन में काफी व्यापक फील्ड देख रही है। खास बात यह कि पति-पत्नी दोनों अधिकारियों—विर्क और कलाराम का शामिल होना पुलिस विभाग में चर्चा का बड़ा विषय बन गया है।
क्यों अहम है यह नियुक्ति?
हरियाणा में बीते साल पुलिस ढांचे से जुड़े कई संवेदनशील मामले उभरकर सामने आए—कानून व्यवस्था की स्थितियाँ, बल में बढ़ते दबाव और बड़े पदों पर लगातार हो रहे फेरबदल ने सरकार पर एक स्थायी नेतृत्व चुनने का दबाव बढ़ाया है।
नया डीजीपी ऐसे समय में पदभार संभालेगा जब राज्य में राजनीतिक तौर पर भी नया साल अहम माना जा रहा है।
फिलहाल सभी की नजरें गृह विभाग और मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर टिकी हैं, जहाँ अंतिम सिफारिश पर मुहर लगने के बाद अगले डीजीपी का नाम आधिकारिक तौर पर घोषित किया जाएगा।
