Haryana News: फरीदाबाद के धौज थाना क्षेत्र में एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) अंबाला की टीम ने सोमवार को एक कार्रवाई अंजाम दी, जिसने स्थानीय पुलिस तंत्र पर कई सवाल खड़े कर दिए। टीम ने यहां तैनात एक सब-इंस्पेक्टर (SI) को ₹1.5 लाख रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। मामला सिर्फ यहीं तक सीमित नहीं—इसी केस में थाना प्रभारी पर ₹15 लाख की अवैध वसूली का बड़ा आरोप भी सामने आया है।
चार्जशीट रोके रखने की ‘कीमत’?
ACB के शुरुआती इनपुट बताते हैं कि आरोपी SI किसी केस की चार्जशीट दाखिल करने में देरी कर रहा था। शिकायतकर्ता का आरोप है कि यह देरी जानबूझकर की जा रही थी और इसके बदले मोटी रिश्वत मांगी गई।
गिरफ्तारी के बाद ACB ने संबंधित पुलिसकर्मियों के खिलाफ FIR दर्ज कर विस्तृत जांच शुरू कर दी है।
धौज थाना—पहले भी सुर्खियों में
धौज थाना पहले भी कई बार चर्चा में रहा है, क्योंकि इसी क्षेत्र में अल-फलाह यूनिवर्सिटी स्थित है, जो बीते वर्षों में कथित आतंकी गतिविधियों और मामूली समय में बड़े सुरक्षा अलर्ट के कारण राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियों में रही। अब रिश्वतखोरी के इस बड़े खुलासे ने इलाके की कानून-व्यवस्था पर एक और छाया डाल दी है।
शिकायत कैसे हुई?
कुरुक्षेत्र की प्रोफेसर कॉलोनी निवासी मनोज कुमार, जो नेक्सा जीपीएस एंड प्रॉडक्ट OPC प्राइवेट लिमिटेड के मालिक हैं, ने ACB अंबाला को पूरी घटना से अवगत कराया।
उनकी कंपनी नवंबर 2023 से वाहनों में GPS इंस्टॉल करने का काम करती है।
मनोज के अनुसार, 8 सितंबर 2025 को धौज निवासी राहुल ने उनकी कंपनी के खिलाफ थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। इसके आधार पर पुलिस ने उनके कर्मचारी नफ़ीस को गिरफ्तार भी कर लिया था।
मनोज का आरोप है कि इसी केस को दबाव में बदलकर उनसे अवैध वसूली की कोशिश की गई।
जांच का दायरा बढ़ सकता है
ACB सूत्रों का कहना है कि टीम सिर्फ गिरफ्तार SI तक नहीं रुकेगी। थाना प्रभारी पर लगे 15 लाख रुपये के आरोप की दिशा में भी गंभीरता से जांच बढ़ाई जा रही है।
यदि आरोप प्रमाणित होते हैं, तो यह हाल के वर्षों में धौज पुलिस इकाई पर लगा सबसे बड़ा भ्रष्टाचार का दाग हो सकता है।
स्थानीय लोग इस कार्रवाई को सिस्टम में सफाई की जरूरत के तौर पर देख रहे हैं। ACB की टीम आने वाले दिनों में कुछ और अधिकारियों से पूछताछ कर सकती है।

