सस्ते दामों पर मिलने लगा डीएपी और यूरिया, किसानों को मिली बड़ी राहत

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किसानों के लिए अच्छी खबर आ गई है! सरकार ने डीएपी और यूरिया पर सब्सिडी बढ़ाकर खेती को और किफायती बना दिया है. महंगे उर्वरकों की मार झेल रहे किसानों को अब सस्ते दामों पर खाद मिल रही है जिससे उनकी लागत कम होगी और मुनाफा बढ़ेगा.

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नए दामों ने दी राहत

केंद्र सरकार ने किसानों को ध्यान में रखते हुए डीएपी और यूरिया के दामों को सब्सिडी के साथ कम किया है. अब 50 किलो की डीएपी बोरी ₹1350 में उपलब्ध है, जबकि 45 किलो नीम-कोटेड यूरिया सिर्फ ₹266.50 में मिल रहा है. इसके अलावा, एनपीके खाद की 50 किलो बोरी ₹700 में मिल रही है जो छोटे और मझोले किसानों के लिए बड़ा सहारा है.

क्यों बढ़े थे दाम?

पिछले कुछ समय से उर्वरकों की कीमतों में उछाल देखा गया था. इसका कारण है कि डीएपी और अन्य खाद बनाने में 90% कच्चा माल विदेशों से आता है. अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे माल की कीमत बढ़ने से भारत में भी उर्वरकों के दाम बढ़े. लेकिन सरकार की सब्सिडी ने इस बोझ को काफी हद तक कम कर दिया है.

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सब्सिडी का फायदा

सरकार की सब्सिडी योजना के तहत किसानों को डीएपी पर ₹350 तक की छूट मिल रही है. यूरिया की 45 किलो बोरी बिना सब्सिडी के ₹2450 की पड़ती, लेकिन अब यह ₹266.50 में उपलब्ध है. एनपीके और एमओपी खाद पर भी सब्सिडी दी जा रही है, जिससे किसानों को कम दाम में अच्छी क्वालिटी की खाद मिल रही है.

बिना सब्सिडी के कितना खर्च?

अगर किसान बिना सब्सिडी के खाद खरीदें, तो उन्हें भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है. बिना सब्सिडी के डीएपी की 50 किलो बोरी ₹4073, एनपीके ₹3291 और एमओपी ₹2600 में मिलती है. इसलिए, सरकारी केंद्रों से खाद लेना किसानों के लिए फायदेमंद है.

कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि सब्सिडी का फायदा उठाकर किसान अपनी खेती की लागत को कम कर सकते हैं. सरकारी केंद्रों से खाद खरीदने से न सिर्फ पैसों की बचत होगी, बल्कि समय पर उर्वरक मिलने से फसल की पैदावार भी बढ़ेगी. किसानों को सलाह है कि वे इस योजना का पूरा लाभ लें और खेती को और लाभकारी बनाएं.

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