पशुपालन आज किसानों के लिए कमाई का शानदार जरिया बन रहा है. खासकर भैंस पालन से दूध का अच्छा उत्पादन हो रहा है, जिससे मुनाफा बढ़ रहा है. सामान्य देसी भैंसें 5-8 लीटर दूध देती हैं, लेकिन कुछ खास नस्लें 20-25 लीटर तक दूध दे सकती हैं. ये नस्लें न सिर्फ ज्यादा दूध देती हैं, बल्कि उनका दूध पौष्टिक और डेयरी उत्पादों के लिए बेहतरीन होता है. पशु विशेषज्ञ डॉ. संजय शर्मा के मुताबिक, सही नस्ल और देखभाल से पशुपालक हर दिन 1200-1800 रुपये कमा सकते हैं. आइए जानते हैं ऐसी चार भैंस नस्लों के बारे में, जो आपकी आय बढ़ा सकती हैं.
मुर्रा: दूध की मशीन
मुर्रा भैंस को दूध उत्पादन का बादशाह माना जाता है. यह नस्ल हरियाणा और पंजाब में खूब पाली जाती है. इसका काला रंग और मजबूत शरीर इसे खास बनाता है. मुर्रा प्रतिदिन 20-25 लीटर दूध दे सकती है, जिसमें वसा की मात्रा 6-7% होती है. सालाना यह 2200-2600 लीटर दूध देती है, जो घी और पनीर बनाने के लिए आदर्श है. इसकी कीमत 55,000 से 1.1 लाख रुपये तक होती है. मुर्रा पालने से किसान अच्छी कमाई कर सकते हैं.

जाफराबादी: ताकतवर और फायदेमंद
गुजरात की जाफराबादी भैंस अपनी मजबूत कद-काठी के लिए जानी जाती है. इसका काला-ग्रे रंग और माथे का सफेद निशान इसे अलग बनाता है. यह नस्ल 15-22 लीटर दूध रोज देती है, जिसमें वसा 7% तक होती है. इसका दूध बाजार में ऊंची कीमत पर बिकता है. इसकी कीमत 75,000 से 1.4 लाख रुपये तक है. जाफराबादी का रखरखाव आसान है, जिससे किसानों को कम मेहनत में ज्यादा फायदा मिलता है.
मेहसाणा: ज्यादा दूध, ज्यादा कमाई
मेहसाणा भैंस गुजरात और महाराष्ट्र की पसंदीदा नस्ल है, जो अब उत्तर भारत में भी लोकप्रिय हो रही है. यह 18-25 लीटर दूध रोज देती है. इसका दूध दही और मिठाई बनाने में बेस्ट है. सालाना 1500-1800 लीटर दूध उत्पादन से पशुपालक मोटा मुनाफा कमा सकते हैं. इसकी कीमत 65,000 से 1.3 लाख रुपये तक है. मेहसाणा नस्ल का पालन करना आसान और किफायती है.
सुरती: छोटी लेकिन दमदार
सुरती भैंस गुजरात के सूरत क्षेत्र की शान है. छोटे कद की यह नस्ल 15-20 लीटर दूध रोज देती है. इसमें वसा की मात्रा 6-7% होती है, जो दूध को महंगा बनाती है. सालाना 1300-1700 लीटर दूध उत्पादन से अच्छी कमाई होती है. इसकी कीमत 45,000 से 85,000 रुपये तक है. सुरती भैंस पालना सस्ता और आसान है, जो छोटे किसानों के लिए वरदान है.
पशुपालन के फायदे और टिप्स
इन नस्लों से महीने में 35,000-60,000 रुपये की कमाई हो सकती है. दूध के साथ-साथ बछड़ों की बिक्री से भी आय होती है. डॉ. शर्मा सलाह देते हैं कि पशुपालक अच्छी नस्ल चुनें, पौष्टिक चारा दें और समय पर टीकाकरण करवाएं. सरकारी योजनाएं जैसे पशुधन बीमा जोखिम को कम करती हैं. भैंस पालन से किसान खेती के साथ अतिरिक्त आय कमा सकते हैं. इन उन्नत नस्लों को अपनाकर किसान अपनी कमाई को कई गुना बढ़ा सकते हैं. ज्यादा जानकारी के लिए नजदीकी पशु चिकित्सालय से संपर्क करें.
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