खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 में न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर धान, ज्वार और बाजरा बेचने वाले किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण अपडेट सामने आया है। किसानों के लिए पंजीयन प्रक्रिया पहले से शुरू हो चुकी है और अब 10 अक्टूबर तक इसका लाभ उठाया जा सकता है। प्रदेश सरकार ने इस बार पंजीयन प्रणाली को और सरल तथा पारदर्शी बनाया है ताकि किसानों को किसी भी तरह की परेशानी न हो।
सहकारी समितियों पर होगी विशेष सुविधा
शासन ने साफ कहा है कि सिकमी, बटाईदार, कोटवार और वन पट्टाधारी किसानों के लिए पंजीयन सुविधा केवल सहकारी समितियों व सहकारी विपणन समितियों द्वारा संचालित केन्द्रों पर उपलब्ध होगी। इनके 100 प्रतिशत सत्यापन की जिम्मेदारी राजस्व विभाग की होगी।
नि:शुल्क और सशुल्क पंजीयन व्यवस्था
सरकार ने पंजीयन की दो व्यवस्थाएँ की हैं।
- नि:शुल्क पंजीयन: ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत, तहसील कार्यालय, सहकारी समिति केन्द्र और एमपी किसान एप पर किया जा सकेगा।
- सशुल्क पंजीयन: एमपी ऑनलाइन कियोस्क, कॉमन सर्विस सेंटर या साइबर कैफे पर होगा, जहां प्रति पंजीयन अधिकतम 50 रुपये शुल्क लिया जाएगा।
बैंक खाते में सीधे भुगतान
MSP पर खरीदी गई पैदावार का भुगतान किसानों के आधार लिंक बैंक खाते में सीधे किया जाएगा। यदि किसी वजह से आधार लिंक खाते में समस्या आती है तो पंजीयन के दौरान दिए गए दूसरे बैंक खाते में रकम जाएगी। ध्यान रहे कि निष्क्रिय या पेमेंट एप आधारित बैंक खाते मान्य नहीं होंगे।
आधार और बायोमेट्रिक जरूरी
पंजीयन और फसल विक्रय प्रक्रिया के लिए आधार नंबर का वेरिफिकेशन अनिवार्य होगा। यह प्रक्रिया OTP या बायोमेट्रिक डिवाइस से पूरी की जाएगी। साथ ही, किसान का नाम आधार और भू-अभिलेख दोनों में समान होना जरूरी होगा। किसी भी तरह की विसंगति की स्थिति में तहसील कार्यालय से सत्यापन करवाना होगा।
किसानों के लिए सरकार की अपील
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने किसानों से अपील की है कि वे समय पर पंजीयन कराएं ताकि आगे किसी तरह की समस्या न हो। उन्होंने बताया कि पूरे प्रदेश में 1255 पंजीयन केन्द्र बनाए गए हैं। इसके साथ ही सभी जिला कलेक्टरों को आधार पंजीयन केन्द्र सक्रिय रखने के निर्देश भी दिए गए हैं ताकि किसान आसानी से अपना मोबाइल नंबर और बायोमेट्रिक अपडेट करा सकें।

