MSP Boost – केंद्र सरकार ने किसानों (Farmers) को बड़ा तोहफा दिया है। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) ने खरीफ 2025-26 के लिए उत्तर प्रदेश और गुजरात में उड़द और तूर की शत-प्रतिशत खरीद (MSP Purchase) को हरी झंडी दिखाई है। इसके साथ ही मूंग, तिल, मूंगफली और सोयाबीन जैसी फसलों की खरीद (Crop Procurement) को भी मंजूरी दी गई है। इस फैसले से दोनों राज्यों के किसानों को करीब 13,890.60 करोड़ रुपये की उपज का लाभ मिलेगा।
पारदर्शी और डिजिटल होगी खरीद प्रक्रिया
शिवराज सिंह चौहान ने एक वर्चुअल बैठक में साफ कहा कि खरीद प्रक्रिया (Transparent Procurement) पूरी तरह पारदर्शी और डिजिटल होगी। इसके लिए आधार आधारित बायोमेट्रिक सत्यापन और पीओएस मशीनों का इस्तेमाल होगा। उत्तर प्रदेश में 350 और गुजरात में 400 खरीद केंद्रों पर यह व्यवस्था लागू की जाएगी। केवल पंजीकृत किसान ही न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर अपनी फसल बेच सकेंगे।
केंद्रीय कृषि सचिव डॉ. देवेश चतुर्वेदी के साथ यूपी के कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाही और गुजरात के कृषि मंत्री राघवजी पटेल ने इस बैठक में हिस्सा लिया। शिवराज सिंह ने जोर देकर कहा कि बिचौलियों को इस प्रक्रिया से दूर रखा जाए, ताकि असली किसानों (Real Farmers) को ही फायदा मिले।
उत्तर प्रदेश में कितनी फसल खरीदी जाएगी?
उत्तर प्रदेश में उड़द की 2.27 लाख मीट्रिक टन खरीद (Urad Procurement) को मंजूरी दी गई है, जिसकी कीमत 1,777.30 करोड़ रुपये होगी। तूर की 1.13 लाख मीट्रिक टन खरीद (Tur Procurement) 910.24 करोड़ रुपये में होगी। इसके अलावा:
मूंग: 1,983 मीट्रिक टन (17.38 करोड़ रुपये)
तिल: 30,410 मीट्रिक टन (299.42 करोड़ रुपये)
मूंगफली: 99,438 मीट्रिक टन (722.22 करोड़ रुपये)
गुजरात में भी बड़े पैमाने पर खरीद
गुजरात में उड़द की 47,780 मीट्रिक टन खरीद (Urad MSP) 372.68 करोड़ रुपये में होगी। सोयाबीन की 1.09 लाख मीट्रिक टन खरीद (Soybean Procurement) 585.57 करोड़ रुपये में होगी। साथ ही:
मूंगफली: 12.62 लाख मीट्रिक टन (9,167.08 करोड़ रुपये)
मूंग: 4,415 मीट्रिक टन (38.71 करोड़ रुपये)
डिजिटल पोर्टल से आसान होगा भुगतान
खरीद प्रक्रिया को और सुचारू बनाने के लिए नेफेड और एनसीसीएफ को किसानों के पूर्व-पंजीकरण (Farmer Registration) का जिम्मा सौंपा गया है। ई-समृद्धि और ई-सम्युक्ति पोर्टल के जरिए खरीद पूरी तरह डिजिटल होगी, जिससे किसानों के बैंक खातों में सीधे भुगतान (Direct Payment) पहुंचेगा।
शिवराज सिंह ने कहा कि अगर खरीफ 2025-26 के पहले अग्रिम अनुमान के बाद जरूरत पड़ी, तो खरीद की मात्रा को बढ़ाया भी जा सकता है। उनका मकसद है कि हर पात्र किसान को अपनी फसल सरकारी रेट (MSP Rates) पर बेचने का मौका मिले और समय पर पैसा उनके खाते में आए। यह कदम किसानों की आय बढ़ाने और उनकी मेहनत का सही दाम दिलाने की दिशा में एक बड़ा प्रयास है।

