नई दिल्ली। सरकार ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-किसान) योजना के तहत किसानों को समय पर पैसा पहुंचाने के लिए बैंकों को कड़े निर्देश दिए हैं। आधार नंबर न जुड़ने, खाते बंद होने या KYC अधूरी होने जैसी समस्याओं के चलते कई किसानों को योजना का लाभ लेने में देरी हो रही थी। अब बैंकों को इन समस्याओं को जल्द ठीक करने और किसानों की मदद करने की जिम्मेदारी दी गई है।
बैंकों को मिली नई जिम्मेदारी
एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, कई बार किसान गलत खाता नंबर, जैसे लोन या फिक्स्ड डिपॉजिट खाते की जानकारी दे देते हैं, जिससे भुगतान अटक जाता है। बैंकों को अब किसानों से सीधे संपर्क करके उनकी समस्याएं, जैसे खाता बंद होना या KYC अपडेट, हल करने को कहा गया है। इसके लिए राज्य स्तर पर विशेष अभियान भी शुरू किए गए हैं। सरकार ने वित्त वर्ष 2026 के लिए इस योजना के लिए 63,500 करोड़ रुपये का बजट तय किया है।
PM-किसान योजना की खास बातें
2019 में शुरू हुई PM-किसान योजना के तहत छोटे और सीमांत किसानों को हर साल 6,000 रुपये तीन किश्तों में मिलते हैं। यह राशि सीधे उनके आधार से जुड़े बैंक खातों में ट्रांसफर की जाती है। अब तक 20 किश्तों में 3.90 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का भुगतान हो चुका है। योजना का लाभ सही लोगों तक पहुंचे, इसके लिए आधार, PFMS और इनकम टैक्स रिकॉर्ड से डिटेल्स की जांच की जाती है। e-KYC भी अनिवार्य है।
फिस्कल कंसोलिडेशन अभियान का असर
1 जुलाई से शुरू हुए तीन महीने के फिस्कल कंसोलिडेशन अभियान ने सामाजिक सुरक्षा योजनाओं को बढ़ावा दिया है। पहले महीने में देश की एक-तिहाई ग्राम पंचायतों में 1,05,000 शिविर लगाए गए। इस दौरान 6 लाख नए जन धन खाते खुले, 7 लाख लोगों ने PMJJBY, 12 लाख ने PMSBY और 3 लाख ने APY में नामांकन कराया। साथ ही, 14.2 लाख से ज्यादा खातों का री-KYC भी पूरा हुआ।
किसानों के लिए राहत की उम्मीद
सरकार और बैंकों के इस नए प्रयास से उम्मीद है कि PM-किसान योजना का लाभ बिना किसी रुकावट के किसानों तक पहुंचेगा। यह कदम न केवल किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करेगा, बल्कि ग्रामीण भारत में सामाजिक सुरक्षा योजनाओं की पहुंच को भी बढ़ाएगा।
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