नई दिल्ली. जीएसटी काउंसिल की ताजा बैठक में किसानों के लिए बड़ी राहत की खबर आई है. सरकार ने खेती से जुड़े कई जरूरी सामानों पर जीएसटी की दरें घटाने का फैसला किया है. ट्रैक्टर, फर्टिलाइज़र, बीज और माइक्रो-इरिगेशन सिस्टम पर टैक्स में कटौती का प्रस्ताव है जिससे खेती की लागत कम होगी और किसानों की कमाई बढ़ेगी.
क्या-क्या होगा सस्ता?
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ट्रैक्टर और पार्ट्स: ट्रैक्टर, टायर, ट्यूब और इंजन जैसे पार्ट्स पर जीएसटी 12% से घटाकर 5% करने की योजना.
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फर्टिलाइज़र: अभी 12% टैक्स है, इसे 5% करने का प्रस्ताव.
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बीज और बायो-स्टिमुलस: इन पर भी टैक्स कम होगा, जिससे किसानों को सस्ते दामों पर बेहतर बीज मिलेंगे.
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माइक्रो-इरिगेशन सिस्टम: नोजल और प्रोसेसर जैसे उपकरणों पर जीएसटी 12% से घटकर 5%.
किसानों को कैसे होगा फायदा?
एक्सपर्ट्स का कहना है कि टैक्स कटौती से खेती की लागत में कमी आएगी. चूंकि किसानों को इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ नहीं मिलता इसलिए सस्ते उपकरण और सामान उनकी जेब पर सीधा असर डालेंगे. कम लागत से फसल उत्पादन सस्ता होगा जिससे किसानों की आय बढ़ेगी.
ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मिलेगा बल
इस फैसले से न केवल किसान बल्कि कई उद्योगों को भी फायदा होगा. ट्रैक्टर कंपनियां जैसे महिंद्रा एंड महिंद्रा और एस्कॉर्ट्स कुबोटा को मांग में बढ़ोतरी की उम्मीद है. फर्टिलाइज़र कंपनियां जैसे कोरमंडल और चंबल फर्टिलाइज़र्स को सस्ते उत्पादों की वजह से बिक्री बढ़ने का अनुमान है. माइक्रो-इरिगेशन कंपनियां जैसे जैन इरिगेशन भी इस कदम से लाभान्वित होंगी.
ये टैक्स कटौती ग्रामीण भारत के लिए गेम-चेंजर साबित हो सकती है. सस्ती खेती से न केवल किसानों की जिंदगी आसान होगी बल्कि FMCG और एग्रो-इनपुट सेक्टर में भी मांग बढ़ेगी. सरकार का यह कदम ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई ताकत दे सकता है.
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