दिल्ली-एनसीआर में सब्जियों के दाम सुनकर आम आदमी की जेब ढीली हो रही है. शिमला मिर्च और गोभी 140 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई हैं वहीं बैंगन और करेला भी 80 रुपये किलो के पार बिक रहे हैं. बाजार में सब्जियों की कमी और थोक दामों में उछाल ने आम जनता की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. सब्जियों के साम एकदम से बढ़ने के पीछे देशभर में हो रही भारी बारिश को बताया जा रहा है और बारिश के बाद बाढ़ ने हालात ख़राब कर दिए है. सब्जियों के दाम बढ़ने के पीछे भी यही वजह बताई जा रही है.
बाढ़ ने बिगाड़ा खेल
उत्तर भारत में हाल ही में आई भीषण बाढ़ ने सब्जियों की फसलों को भारी नुकसान पहुंचाया है. पंजाब और हिमाचल प्रदेश, जहां से दिल्ली-एनसीआर को सब्जियों की बड़ी आपूर्ति होती है वहां फसलें बर्बाद हो गईं. यमुना किनारे की खेती भी पानी में डूब गई. नतीजा? मंडियों में सब्जियों की सप्लाई घट गई और दाम आसमान छूने लगे.
मंडी में थोक दामों का हाल
आजादपुर मंडी के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, थोक दामों में भी भारी बढ़ोतरी हुई है:
शिमला मिर्च: 2800 रुपये से बढ़कर 4000 रुपये प्रति क्विंटल
टमाटर: 2311 रुपये से 2578 रुपये प्रति क्विंटल
बैंगन: 1267 रुपये से 1700 रुपये प्रति क्विंटल
घीया: 1200 रुपये से 1500 रुपये प्रति क्विंटल
खुदरा बाजार में जेब पर मार
खुदरा बाजारों में हालात और चिंताजनक हैं. बंद गोभी, बैंगन और करेला 80 रुपये किलो तक पहुंच गए हैं जबकि घीया 60 रुपये किलो बिक रही है. सब्जी विक्रेताओं का कहना है कि सप्लाई की कमी के चलते दामों में यह उछाल आया है.
कब मिलेगी राहत?
व्यापारियों के मुताबिक, मौजूदा हालात को देखते हुए अगले एक महीने तक सब्जियों के दाम कम होने की उम्मीद कम है. सप्लाई चेन ठीक होने में समय लगेगा जिसका असर आम आदमी की थाली पर पड़ रहा है.
बढ़ती महंगाई ने दिल्ली-एनसीआर के लोगों का बजट बिगाड़ दिया है. सब्जियों के दाम दोगुने होने से रसोई का खर्च बढ़ गया है. लोग अब सस्ते विकल्प तलाश रहे हैं लेकिन बाजार में हर चीज महंगी हो रही है. अब ये देखने वाली बात होगी की कब आम जनता को इस महंगाई से रहत मिलेगी और वे अपनी रसोई के बजट को ठीक कर पायेंगे.

