Bank Nifty : भारत के सबसे ज़्यादा ट्रेड होने वाले डेरिवेटिव इंडेक्स—Bank Nifty—में अब बड़ा बदलाव शुरू हो गया है। NSE Indices ने एक नया सर्कुलर जारी करते हुए Bank Nifty और Nifty Financial Services दोनों इंडेक्स की मेथडोलॉजी को पूरी तरह रिवाइज कर दिया है। यह अपडेट SEBI के हालिया नियमों के बाद आया है जिनका मकसद इंडेक्स को छेड़छाड़ से बचाना, जोखिम घटाना और डेरीवेटिव ट्रेडिंग को ज्यादा पारदर्शी बनाना है।
सबसे बड़ा फैसला यह है कि Union Bank of India और Yes Bank को 31 दिसंबर 2025 से Bank Nifty में शामिल किया जाएगा। इससे इंडेक्स में स्टॉक्स की संख्या 12 से बढ़कर 14 हो जाएगी।
नया बैलेंस, नई रणनीति
दोनों बैंकों की एंट्री सिर्फ symbolic बदलाव नहीं है—यह सीधे लिक्विडिटी, weight distribution और manipulation risk पर असर डालेगी। बड़े बैंकों का domination कम होगा और इंडेक्स अब ज्यादा diversified दिखेगा।
मार्केट एक्सपर्ट्स मानते हैं कि Bank Nifty के ट्रेडर्स को आने वाले महीनों में एक नए तरह की price behavior देखने को मिल सकती है—कम झटके, ज्यादा consistency और option pricing में स्थिरता।
क्यों जरूरी थे ये नियम?
SEBI ने कुछ महीने पहले derivative-eligible indices के लिए नए eligibility norms लागू किए थे। इसके बाद इंडेक्स मेथडोलॉजी को अपडेट करना अनिवार्य हो गया था, ताकि—
- इंडेक्स पर एक-दो बड़े स्टॉक्स की पकड़ कम हो
- volatility नियंत्रित रहे
- risk monitoring आसान हो
- इंडेक्स manipulation का खतरा ज़ीरो के करीब पहुंचे
NSE अब इसी दिशा में मेथडोलॉजी बदलकर इंडेक्स को structurally मजबूत बना रहा है।
Nifty Financial Services में भी बड़ी सर्जरी
NSE ने इस सेक्टर इंडेक्स में वेटेज कैपिंग को पूरी तरह बदल दिया है:
- टॉप 3 स्टॉक्स पर 19%, 14%, 10% लिमिट
- Non-F&O स्टॉक्स पर 4.5% individual cap और 10% cumulative cap
अब जबकि HDFC Bank का मौजूदा वेटेज 27.65% और ICICI Bank का 23% है, दोनों पर धीरे-धीरे नई सीमा लागू होगी। इससे SBI, Kotak और Axis Bank के वेटेज भी संतुलित होंगे।
विशेषज्ञों के अनुसार यह restructuring Nifty Financial Services को “बिग 2 dominated” इंडेक्स से निकालकर एक अधिक representative इंडेक्स में बदल देगी।
Bank Nifty के लिए नया 2-Step Selection Rule
NSE ने यह भी तय किया है कि Bank Nifty हमेशा 14 स्टॉक्स वाला इंडेक्स रहेगा। इसके लिए नई दो-स्तरीय प्रक्रिया लागू होगी:
Step 1
NSE F&O सेगमेंट में मौजूद बैंकों में से 6-महीने की औसत free-float market cap के आधार पर टॉप 14 स्टॉक्स चुने जाएंगे।
Step 2
अगर F&O में 14 बैंक उपलब्ध नहीं होते, तो बाकी यूनिवर्स से highest free-float वाले बैंक चुने जाएंगे।
यह व्यवस्था इंडेक्स की स्थिरता और long-term consistency सुनिश्चित करेगी।
कब लागू होंगे ये बदलाव?
- Nifty Financial Services: एक बार में – 31 दिसंबर 2025
- Bank Nifty: चार चरणों में – मार्च 2026 तक
- Demerger Rules: 15 दिसंबर 2025 से लागू
डिमर्जर और special pre-open सेशन के लिए भी नए नियम लागू कर दिए गए हैं ताकि इंडेक्स calculation में कोई विकृति न हो।
मार्केट का मिज़ाज क्या कहता है?
ट्रेडर्स के लिए
- नया Bank Nifty अब पहले से अधिक balanced होगा
- volatility घटेगी
- option pricing predictable होगी
निवेशकों के लिए
- index diversification बढ़ेगा
- mid-sized banks को visibility मिलेगी
- long-term risk काफी कम होगा
Regulator-side impact
Market manipulation की संभावनाएँ बेहद कम होंगी जिससे भारत के डेरिवेटिव मार्केट की credibility और बढ़ेगी।
