नई दिल्ली में हुई जीएसटी काउंसिल की 56वीं बैठक में टैक्स सिस्टम को और आसान करने का फैसला लिया गया है. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में इस दो दिन की बैठक में जीएसटी स्लैब को चार से घटाकर सिर्फ दो (5% और 18%) करने पर सहमति बनी. इससे आम लोगों को राहत मिलेगी और कारोबारियों के लिए टैक्स प्रक्रिया सरल होगी.
क्या हुआ बदलाव?
-
दो स्लैब का फैसला: 12% और 28% के स्लैब खत्म. अब सिर्फ 5% और 18% टैक्स स्लैब रहेंगे.
-
सस्ती होंगी जरूरी चीजें: 175 से ज्यादा जरूरी सामानों पर टैक्स कम होगा, जिससे रोजमर्रा की चीजें सस्ती होंगी.
-
सिगरेट-शराब पर भारी टैक्स: सिन गुड्स जैसे सिगरेट, शराब और तंबाकू पर 40% टैक्स का प्रस्ताव.
-
कारों पर टैक्स: 1200 सीसी से ज्यादा की पेट्रोल और 1500 सीसी से ज्यादा की डीजल कारों पर 40% जीएसटी.
-
पान मसाला और तंबाकू: राज्यों का कर्ज चुकने तक 28% जीएसटी + सेस जारी रहेगा.
राज्यों की राय और चिंताएं
सभी राज्यों के वित्त मंत्रियों ने इस सुधार को हरी झंडी दी है. हालांकि, कुछ राज्यों ने राजस्व नुकसान की भरपाई की मांग की, क्योंकि टैक्स स्लैब कम होने से उनकी आय पर असर पड़ सकता है.
पीएम मोदी का बयान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “स्वतंत्रता दिवस पर मैंने जीएसटी सुधारों का वादा किया था. यह फैसला उस वादे को पूरा करता है. इससे आम लोग, किसान, छोटे व्यापारी और मध्यम वर्ग को फायदा होगा.”
During my Independence Day Speech, I had spoken about our intention to bring the Next-Generation reforms in GST.
The Union Government had prepared a detailed proposal for broad-based GST rate rationalisation and process reforms, aimed at ease of living for the common man and…
— Narendra Modi (@narendramodi) September 3, 2025
क्या होगा फायदा?
-
आम लोगों के लिए: जरूरी सामान सस्ते होने से खर्च कम होगा.
-
कारोबारियों के लिए: टैक्स प्रक्रिया आसान होने से व्यापार करना होगा सरल.
-
अर्थव्यवस्था के लिए: खपत बढ़ने से आर्थिक विकास को मिलेगी रफ्तार.
यह सुधार जीएसटी को और पारदर्शी बनाने की दिशा में बड़ा कदम है. अगले कुछ महीनों में ये बदलाव लागू होने की उम्मीद है.
आपकी क्या राय है?
अपनी प्रतिक्रिया यहां साझा करें — हमें जानकर खुशी होगी कि आप इस खबर के बारे में कैसा महसूस कर रहे है!