सोना-चांदी ने तोड़े सारे रिकॉर्ड, दिल्ली में गोल्ड 1.38 लाख पार, निवेशकों में बढ़ी सुरक्षित निवेश की होड़

दिल्ली में सोना 1,38,200 रुपये प्रति 10 ग्राम और चांदी 2,14,500 रुपये प्रति किलो के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई। वैश्विक बाजारों में तेजी, अमेरिकी ब्याज दर कटौती की उम्मीद और सुरक्षित निवेश की मांग से बुलियन बाजार में उछाल आया।

  • सोने ने बनाया नया रिकॉर्ड
  • चांदी भी ऑल-टाइम हाई पर
  • ग्लोबल संकेतों से घरेलू बाजार में उछाल
  • निवेशकों का झुकाव फिर सुरक्षित विकल्पों की ओर

Gold Silver Rate: सोमवार को सर्राफा बाजार में ऐसा उछाल देखने को मिला जिसने कारोबारियों से लेकर निवेशकों तक सभी को चौंका दिया। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सोने की कीमतें अपने अब तक के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गईं। अंतरराष्ट्रीय बाजारों में आई तेज़ तेजी और निवेशकों की सुरक्षित निवेश की बढ़ती मांग का सीधा असर घरेलू बाजार पर दिखा।

ऑल इंडिया सर्राफा एसोसिएशन के मुताबिक दिल्ली में सोना एक ही दिन में 1,685 रुपये की छलांग लगाकर 1,38,200 रुपये प्रति 10 ग्राम के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया। यह आंकड़ा सभी टैक्स शामिल करके दर्ज किया गया है। बाजार में कारोबारियों का कहना है कि हाल के दिनों में ऐसी तेजी कम ही देखने को मिली है।

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सोने के साथ-साथ चांदी ने भी नई ऊंचाई छू ली। सफेद धातु की कीमतें 10,400 रुपये प्रति किलो बढ़कर 2,14,500 रुपये प्रति किलोग्राम के ऑल-टाइम हाई पर पहुंच गईं। बाजार में चांदी की खरीदारी को लेकर खासा उत्साह देखा गया खासकर उन निवेशकों में जो लंबे समय के लिए सुरक्षित रिटर्न की तलाश में हैं।

बुलियन मार्केट से जुड़े जानकारों का कहना है कि मौजूदा तेजी सिर्फ घरेलू कारणों तक सीमित नहीं है। अमेरिका की अर्थव्यवस्था को लेकर बढ़ती अनिश्चितता, ब्याज दरों में कटौती की संभावनाएं और वैश्विक स्तर पर वित्तीय दबाव ने कीमती धातुओं की मांग को मजबूत किया है। इसी वजह से सोना और चांदी दोनों लगातार नए रिकॉर्ड बना रहे हैं।

अंतरराष्ट्रीय बाजार की बात करें तो स्पॉट गोल्ड में भी जबरदस्त उछाल देखा गया। कीमतें करीब 80.85 डॉलर या लगभग 1.9 फीसदी बढ़कर 4,420.35 डॉलर प्रति औंस के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गईं। इससे पहले दिन में ही सोना 4,383.73 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच चुका था, जब अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा आगे भी ब्याज दरों में कटौती की अटकलें तेज़ हुईं।

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विश्लेषकों के अनुसार अमेरिका में संभावित दर कटौती से सोने को पकड़कर रखने की लागत कम होती है, जिससे निवेशक इसे ज्यादा आकर्षक विकल्प मानते हैं। इसके अलावा, भू-राजनीतिक तनाव, ट्रेड टैरिफ और वैश्विक आर्थिक अस्थिरता ने भी इस साल सोने को मजबूती दी है। आंकड़ों के मुताबिक, साल 2025 में अब तक सोने की कीमतों में करीब 67 फीसदी की तेजी दर्ज की जा चुकी है।

बाजार विशेषज्ञ मानते हैं कि पिछले हफ्ते शुरू हुआ यह रुझान नए सप्ताह में भी जारी रहा और घरेलू व अंतरराष्ट्रीय दोनों बाजारों में सोना-चांदी नई ऊंचाइयों पर पहुंच गए। अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा इस साल तीसरी बार 25 बेसिस प्वाइंट की ब्याज दर कटौती के बाद कीमती धातुओं में यह तेजी और मजबूत हुई है।

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