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हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस अब जीएसटी के दायरे से बाहर हो रहे है. सरकार के इस बड़े फैसले से इंश्योरेंस सस्ता होने की उम्मीद पूरी पूरी जताई जा रही है. जीएसटी काउंसिल ने हाल ही में हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम पर जीएसटी हटाने का ऐलान किया है. इसका मकसद है इंश्योरेंस को आम लोगों की पहुंच में लाना और देश में बीमा कवरेज बढ़ाना.
सस्ता इंश्योरेंस, ज्यादा कवरेज
इंश्योरेंस कंपनियों ने इस कदम को सराहा है. बजाज आलियांज के सीईओ डॉ. तपन सिंघल ने इसे ऐतिहासिक बताया है. उनके मुताबिक:
“यह फैसला लाखों लोगों के लिए हेल्थ इंश्योरेंस को किफायती बनाएगा.” वहीं, बीमापे फिनश्योर के सीईओ हनुत मेहता ने कहा, “जीएसटी हटने से प्रीमियम की शुरुआती लागत कम होगी. इससे नए ग्राहक खासकर युवा इंश्योरेंस की ओर आकर्षित होंगे.”
चुनौती बन सकता है इनपुट टैक्स क्रेडिट
हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि जीएसटी छूट का पूरा फायदा तभी मिलेगा जब इंश्योरेंस कंपनियों को इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) मिलता रहे. अभी कंपनियां 8-10% आईटीसी क्लेम करती हैं जो उनकी लागत कम करता है. अगर आईटीसी हटा तो ऑपरेशनल कॉस्ट बढ़ सकती है जिसका असर प्रीमियम की कीमतों पर पड़ सकता है. मेहता ने कहा,
“कंपनियों को बढ़ी लागत का कुछ हिस्सा प्रीमियम में जोड़ना पड़ सकता है.”
यह कदम इंश्योरेंस सेक्टर में बड़ा बदलाव ला सकता है लेकिन आईटीसी पर स्थिति साफ होना जरूरी है. भारतीय बीमा नियामक (IRDAI) जल्द ही इस बारे में दिशानिर्देश जारी करेगा. अगर सब कुछ सही रहा तो आने वाले समय में ज्यादा लोग इंश्योरेंस की सुरक्षा का फायदा उठा सकेंगे.
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