भारत बना दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था, 2027 तक तीसरे स्थान का दावा: ज्योतिरादित्य सिंधिया
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा है कि भारत अब दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है और 2027 तक जर्मनी को पीछे छोड़कर तीसरे स्थान पर पहुंच सकता है। स्टार्टअप फंडिंग के आंकड़े भी भारत की मजबूत स्थिति दिखाते हैं।
- भारत 10वीं से चौथी अर्थव्यवस्था बना!
- 2027 तक जर्मनी को पछाड़ तीसरी बड़ी इकोनॉमी बनेगा भारत
- जापान पीछे छूटा, स्टार्टअप्स ने जुटाए 10.5 अरब डॉलर
भारत की आर्थिक रफ्तार को लेकर एक बार फिर बड़ा दावा सामने आया है। केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने शनिवार को कहा कि भारत जो करीब 12 साल पहले दुनिया की दसवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था अब चौथे पायदान पर पहुंच चुका है। उनके मुताबिक यह बदलाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में संभव हुआ है।
यह बात उन्होंने यहां आयोजित यंग एंटरप्रेन्योर्स फोरम समिट 2025 को संबोधित करते हुए कही। सिंधिया ने कहा कि भारत ने इस दौड़ में जापान को पीछे छोड़ते हुए चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था का दर्जा हासिल किया है और 2027 तक जर्मनी को पछाड़कर तीसरे स्थान पर पहुंचने का लक्ष्य रखा गया है।
युवाओं में दिख रहा नया भारत का आत्मविश्वास
समिट के दौरान सिंधिया ने युवा उद्यमियों के साथ संवाद को खास अनुभव बताया। उन्होंने कहा कि आज के युवा केवल नौकरी ढूंढने वाले नहीं बल्कि नए भारत की नींव रखने वाले उद्यमी बन रहे हैं।
अपने सोशल मीडिया पोस्ट में उन्होंने डी फैक्टर का जिक्र करते हुए कहा कि ड्रीमर्स, डूअर्स और डिसरप्टर्स को प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में बने मजबूत स्टार्टअप इकोसिस्टम का पूरा लाभ उठाना चाहिए ताकि वे न केवल सफल कंपनियां खड़ी करें बल्कि राष्ट्र निर्माण और जनसेवा से जुड़ी स्थायी विरासत भी बना सकें।
2027 तक तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था का दावा
सिंधिया ने भरोसा जताया कि मौजूदा आर्थिक रुझानों और नीतिगत फैसलों के चलते भारत आने वाले वर्षों में और मजबूत होगा। उन्होंने कहा कि जिस तरह से मैन्युफैक्चरिंग, टेक्नोलॉजी और स्टार्टअप सेक्टर आगे बढ़ रहे हैं, उससे भारत का वैश्विक आर्थिक कद लगातार बढ़ रहा है।
स्टार्टअप फंडिंग में भी भारत की मजबूत मौजूदगी
भारत की इस आर्थिक तस्वीर को स्टार्टअप सेक्टर के आंकड़े भी मजबूती देते हैं। मार्केट रिसर्च फर्म Tracxn की रिपोर्ट के अनुसार 2025 में भारतीय टेक स्टार्टअप्स ने 10.5 अरब डॉलर की फंडिंग जुटाई। इस मामले में भारत दुनिया में तीसरे स्थान पर रहा, चीन और जर्मनी से आगे।
हालांकि यह आंकड़ा 2024 के मुकाबले 17 प्रतिशत कम है लेकिन इसके बावजूद वैश्विक स्तर पर भारत की स्थिति मजबूत बनी हुई है। रिपोर्ट के मुताबिक फंडिंग के मामले में भारत से आगे केवल अमेरिका और ब्रिटेन रहे।
किन सेक्टरों में आई बड़ी डील
रिपोर्ट में बताया गया है कि 2025 में 100 मिलियन डॉलर से ज्यादा की 14 बड़ी फंडिंग डील्स हुईं। इनमें ट्रांसपोर्टेशन और लॉजिस्टिक्स टेक, एनवायरनमेंट टेक और ऑटो टेक सेक्टर की कंपनियों की भूमिका अहम रही।
शुरुआती निवेश बढ़ा, लेट-स्टेज में गिरावट
टेक सेक्टर में शुरुआती चरण की फंडिंग बढ़कर 3.9 अरब डॉलर तक पहुंच गई जो साल-दर-साल 7 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्शाती है। वहीं लेट-स्टेज फंडिंग घटकर 5.5 अरब डॉलर रही जो 2024 की तुलना में 26 प्रतिशत कम है। सीड-स्टेज फंडिंग भी सीमित होकर 1.1 अरब डॉलर पर आ गई।
इन आंकड़ों के बीच सरकार और उद्योग जगत दोनों का मानना है कि नवाचार और उद्यमिता के दम पर भारत की अर्थव्यवस्था आने वाले वर्षों में और ऊंचाई छू सकती है।
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