MCX Gold-Silver Price Today: सोना-चांदी ने तोड़े सभी रिकॉर्ड, रुपया गिरा तो बाजार में मची खरीद की होड़

MCX Gold-Silver Price Today: वैश्विक अर्थव्यवस्था से जुड़े कई कमजोर संकेतों के बीच कीमती धातुओं का बाजार सोमवार को अचानक चमक उठा। अमेरिकी डॉलर की गिरावट, रुपये की ऐतिहासिक कमजोरी और बांड यील्ड में नरमी ने निवेशकों को सुरक्षित संपत्तियों की ओर तेजी से मोड़ा, जिसका सबसे बड़ा असर सोने और चांदी के दामों में जोरदार उछाल के रूप में दिखा। घरेलू सर्राफा बाजार के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी कीमती धातुओं की मांग असाधारण रूप से बढ़ी, जिसने कारोबारियों को नई रणनीतियों पर सोचने को मजबूर कर दिया।

MCX पर सोना-चांदी रिकॉर्ड ऊंचाइयों पर पहुंचा

सोमवार के सत्र में मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज पर सोना तेज रफ्तार में रहा और प्रति 10 ग्राम 1,874 रुपये चढ़कर 1,35,496 रुपये के नए शिखर पर पहुंच गया। चांदी ने भी निवेशकों को चौंकाया और लगभग 6,195 रुपये की छलांग के बाद 1,99,046 रुपये प्रति किलोग्राम के ऐतिहासिक स्तर पर पहुंच गई। बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि यह उछाल सिर्फ घरेलू वजहों तक सीमित नहीं है, बल्कि वैश्विक संकेत भी उतने ही मजबूत रहे।

अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी चमका बुलियन, सोना 4,384 डॉलर तक उछला

कॉमेक्स पर सोना 56 डॉलर से अधिक चढ़कर 4,384 डॉलर प्रति औंस के इंट्राडे उच्च स्तर को छू गया। चांदी भी करीब 2 डॉलर की मजबूती के साथ 64.018 डॉलर प्रति औंस तक पहुंची। विश्लेषकों का कहना है कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था के धीमे पड़ने के संकेतों और निवेशकों के रिस्क-ऑफ मूड ने अंतरराष्ट्रीय बुलियन मार्केट को अतिरिक्त सहारा दिया।

डॉलर, रुपया और बांड यील्ड—तीनों की कमजोरी ने बदल दिया बाजार का मूड

बाजार की यह तेजी तीन बड़े आर्थिक घटकों की सामूहिक कमजोरी से उपजी है। डॉलर इंडेक्स 98 के नीचे फिसला, वहीं भारतीय रुपया रिकॉर्ड 90.70 पर पहुंच गया। डॉलर-रुपया के इस डबल-प्रेशर ने आयात लागत को महंगा बनाया, जिससे घरेलू स्तर पर सोने-चांदी के दाम स्वाभाविक रूप से ऊपर गए।

निवेशकों की मनोवैज्ञानिक प्रतिक्रिया भी इसमें शामिल रही, क्योंकि कमजोर मुद्रा में लोग सुरक्षित निवेश की ओर तेजी से मुड़ते हैं। इसके अलावा, अमेरिकी ट्रेजरी बांड यील्ड 4 प्रतिशत से गिरकर 3.5 प्रतिशत के आसपास आने से बड़ी पूंजी बुलियन की ओर खिसक गई, जो इस रैली की सबसे बड़ी वजहों में गिनी जा रही है।

रुपये का दबाव जारी, व्यापारिक अनिश्चितता बढ़ा रही चुनौती

फॉरेक्स विशेषज्ञों का कहना है कि रुपये पर दबाव अभी खत्म होने वाला नहीं। भारत-अमेरिका व्यापार समझौते पर अनिश्चितता और एफआईआई के लगातार बिकवाली से घरेलू मुद्रा पर अतिरिक्त भार पड़ रहा है। विश्लेषक अनुमान लगा रहे हैं कि निकट भविष्य में रुपया 90.00 से 91.25 के दायरे में बना रह सकता है।

इस कमजोरी का सीधा असर सोना-चांदी के आयात बिल पर पड़ेगा, जिससे आने वाले सप्ताहों में खुदरा कीमतें और चढ़ सकती हैं।

तकनीकी स्तर बताते हैं आगे की दिशा

अंतरराष्ट्रीय बाजार में विशेषज्ञों के अनुसार सोने को 4,280 डॉलर प्रति औंस के आसपास मजबूत समर्थन मिल रहा है, जबकि 4,400 डॉलर के पास कठोर प्रतिरोध मौजूद है। घरेलू बाजार में सोना 1,33,000 से 1,136,500 रुपये प्रति 10 ग्राम के रेंज में उतार-चढ़ाव दिखा सकता है।

चांदी के लिए 60 डॉलर अंतरराष्ट्रीय समर्थन स्तर है, और 64 डॉलर के ऊपर टिकने पर इसके 67 डॉलर तक जाने की संभावना है। MCX पर 1,90,000 रुपये इसका प्रमुख सपोर्ट माना जा रहा है, जबकि 2,00,000 रुपये पार करने पर तेजी और मजबूत हो सकती है।

निवेशकों की सतर्कता जरूरी, विशेषज्ञ दे रहे सलाह

बाजार की इस रैली ने जहां सर्राफा कारोबारियों में उत्साह बढ़ाया है, वहीं निवेशकों के लिए सावधानी की सलाह भी सामने आ रही है। विशेषज्ञ कहते हैं कि मौजूदा तेजी कई भावनात्मक और बाहरी कारकों से संचालित है, इसलिए लॉन्ग-टर्म निवेश से पहले प्रमाणित सलाहकार की राय लेना आवश्यक है।

व्यापारियों का मानना है कि आर्थिक अनिश्चितताओं के बीच कीमती धातुएं जूनियर नहीं, बल्कि वैकल्पिक सुरक्षित एसेट बनकर उभर रही हैं।

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