बिहार में मछली पालन को नई उड़ान: 35% सब्सिडी और डिजिटल सपोर्ट, कमाई में होगी बढ़ौतरी
बिहार में मछली पालन अब सिर्फ़ परंपरा नहीं बल्कि एक आधुनिक और लाभकारी व्यवसाय बनने की राह पर है. राज्य सरकार ने मछुआरों और मत्स्य पालकों को सशक्त बनाने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है. प्रधानमंत्री मत्स्य किसान समृद्धि योजना के तहत शुरू हुआ राष्ट्रीय मत्स्य डिजिटल प्लेटफॉर्म (NFDP) मछुआरों के लिए गेम-चेंजर साबित हो रहा है. यह प्लेटफॉर्म न सिर्फ़ डिजिटल पहचान दे रहा है बल्कि सब्सिडी, ऋण और प्रशिक्षण जैसी सुविधाएँ भी मुहैया करा रहा है. आइए जानते हैं कैसे.

NFDP का लक्ष्य है बिहार के मछुआरों और मत्स्य पालकों को एक मज़बूत डिजिटल ढांचे से जोड़ना. इस प्लेटफॉर्म पर पंजीकरण कराने वाले मछुआरों को एक डिजिटल पहचान पत्र मिलता है, जिसके ज़रिए वे सरकारी योजनाओं का सीधा लाभ ले सकते हैं. पंजीकरण के बाद मछुआरों को प्रशिक्षण, बाज़ार की जानकारी और व्यवसाय बढ़ाने के लिए ज़रूरी टूल्स भी उपलब्ध कराए जा रहे हैं. बिहार में अब तक 1.25 लाख से ज़्यादा मत्स्य पालक इस प्लेटफॉर्म से जुड़ चुके हैं.
35% सब्सिडी का सुनहरा मौका
प्रधानमंत्री मत्स्य किसान समृद्धि योजना के तहत मछुआरों, स्वयं सहायता समूहों, सहकारी समितियों और छोटे उद्यमों को 35% तक की सब्सिडी दी जा रही है. यह अनुदान मछली उत्पादन बढ़ाने, नई तकनीकों को अपनाने और गुणवत्ता सुधारने में मदद कर रहा है. इसके अलावा मछुआरों को कम ब्याज पर ऋण और व्यवसाय नियोजन की सुविधा भी मिल रही है.
कैसे उठाएँ लाभ?
NFDP पर पंजीकरण बेहद आसान है. मछुआरे https://nfdp.dof.gov.in पर जाकर या अपने नज़दीकी ज़िला मत्स्य कार्यालय में संपर्क करके रजिस्टर कर सकते हैं. पंजीकरण के बाद मिलने वाला डिजिटल पहचान पत्र मछुआरों को सब्सिडी, प्रशिक्षण और अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने में मदद करता है. साथ ही यह प्लेटफॉर्म मछली के विपणन और नई तकनीकों को अपनाने में भी सहायता देता है.
बिहार में मछली पालन का भविष्य
बिहार में मछली पालन ग्रामीण अर्थव्यवस्था का अहम हिस्सा है लेकिन असंगठित होने के कारण इसे कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है. NFDP इन समस्याओं को हल करने के लिए डिजिटल और वित्तीय सहायता प्रदान कर रहा है. यह मछुआरों को आत्मनिर्भर बनाने और उनके व्यवसाय को मज़बूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम है. इसके लिए आप ये तुरंत करना होगा –
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- NFDP पोर्टल पर तुरंत पंजीकरण कराएँ.
- अपने ज़िला मत्स्य कार्यालय से संपर्क करें.
- प्रशिक्षण कार्यक्रमों में हिस्सा लें और नई तकनीक सीखें.
- 35% सब्सिडी और अन्य लाभों का फायदा उठाएँ.
अधिक जानकारी के लिए https://nfdp.dof.gov.in पर जाएँ या नज़दीकी मत्स्य कार्यालय से संपर्क करें. बिहार का मछली पालन अब डिजिटल युग में कदम रख चुका है और यह मछुआरों के लिए समृद्धि का नया रास्ता खोल रहा है