PM स्वनिधि योजना: चमोली में 600 लोगों की बदली किस्मत, बिना गिरवी मिला लोन, चाय की दुकान से कमा रहे आजीविका
PM स्वनिधि योजना ने उत्तराखंड के चमोली जिले में 600 से अधिक लोगों की जिंदगी बदल दी। बिना गिरवी के लोन मिलने से लोगों ने चाय की दुकान और छोटे व्यवसाय शुरू किए। कोविड के बाद यह योजना नई उम्मीद की किरण बनी, लाभार्थी सम्मान से कमा रहे आजीविका।
- PM SVANidhi से बदली रेहड़ी-पटरी वालों की किस्मत
- कोविड के बाद आत्मनिर्भरता की नई राह
- चमोली में 600 से ज्यादा लोगों को लाभ
- बिना गिरवी लोन से शुरू हुआ छोटा कारोबार
प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि (PM SVANidhi) योजना ने देश के लाखों रेहड़ी-पटरी वालों की जिंदगी बदल दी है। यह योजना उन लोगों के लिए वरदान साबित हुई है जो शहरों में गाड़ी और सड़क किनारे स्टॉल लगाकर अपनी आजीविका चलाते हैं।
इस योजना के तहत छोटे व्यापारियों को किफायती दरों पर ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है। बिना किसी बड़ी गिरवी के लोन मिलने से छोटे कारोबारियों और विक्रेताओं को अपना व्यवसाय शुरू करने या विस्तार करने का मौका मिला है।
कोविड के बाद नई उम्मीद की किरण
कोविड-19 महामारी के बाद जब रोजगार के अवसर सीमित हो गए थे, तब यह योजना रेहड़ी-पटरी वालों के लिए नई उम्मीद की किरण बनकर उभरी। महामारी के दौरान जिन लोगों का रोजगार छिन गया था, उनके लिए यह योजना जीवनरेखा साबित हुई।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस महत्वाकांक्षी योजना ने लाखों रेहड़ी-पटरी वालों और फेरीवालों को आत्मनिर्भर बनने का मौका दिया है। यह योजना सिर्फ आर्थिक मदद नहीं, बल्कि सम्मान के साथ जीने का अवसर भी प्रदान करती है।
उत्तराखंड के चमोली में 600 लोगों को फायदा
उत्तराखंड के सीमावर्ती जिले चमोली में भी PM स्वनिधि योजना का सकारात्मक प्रभाव देखने को मिला है। इस दुर्गम जिले में 600 से अधिक लोग योजना का लाभ उठाकर अपनी आजीविका कमा पा रहे हैं।
लाभार्थियों का कहना है कि नगर निकाय द्वारा उनकी पहचान की गई और उन्हें योजना का लाभ दिलाया गया। इससे न केवल उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ, बल्कि वे पहले से बेहतर आय भी कमा रहे हैं।
बिरेंद्र सिंह राणा की सफलता की कहानी
लाभार्थी बिरेंद्र सिंह राणा ने IANS से बात करते हुए बताया कि उन्हें PM स्वनिधि योजना के तहत लोन की जानकारी नगर निकाय से मिली। इसके बाद उन्होंने नगर कार्यालय में आवेदन किया और आवश्यक दस्तावेज जमा किए।
उनका लोन स्वीकृत हो गया और इस लोन की मदद से उन्होंने एक चाय की दुकान शुरू की, जो अब उन्हें नियमित आय प्रदान करती है। बिरेंद्र ने कहा कि यह योजना बेरोजगार युवाओं के लिए बेहद फायदेमंद है, क्योंकि इससे वे आसानी से लोन लेकर छोटा व्यवसाय शुरू कर सकते हैं।
केंद्र सरकार का आभार
बिरेंद्र सिंह राणा ने केंद्र सरकार का धन्यवाद करते हुए इस योजना को आम लोगों के लिए बेहद उपयोगी बताया। उन्होंने कहा कि सरकार ने गरीबों और जरूरतमंदों की पीड़ा को समझा और उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए यह योजना लाई।
लाभार्थियों ने केंद्र सरकार के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार ने गरीबों और जरूरतमंदों की पीड़ा को समझा और उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए यह योजना शुरू की। आज वे न केवल खुश हैं, बल्कि सम्मान के साथ अपनी आजीविका भी कमा रहे हैं।
अनिल सिंह राणा ने भी की तारीफ
एक अन्य लाभार्थी अनिल सिंह राणा ने भी PM स्वनिधि योजना की प्रशंसा की। उन्होंने इसे युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम बताया।
अनिल ने कहा कि यह योजना उन युवाओं के लिए वरदान है जो अपना खुद का व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं लेकिन पूंजी की कमी के कारण ऐसा नहीं कर पाते। अब उन्हें बिना किसी परेशानी के लोन मिल जाता है।
नगर निकाय की भूमिका महत्वपूर्ण
चमोली जिले के लाभार्थियों ने बताया कि नगर निकाय ने उन्हें योजना के बारे में जानकारी दी और आवेदन प्रक्रिया को पूरा करने में मदद की। समय पर लोन मिलने से उन्हें फिर से अपने पैरों पर खड़े होने में मदद मिली।
नगर निकाय की टीमों ने पात्र लाभार्थियों की पहचान की और उन्हें योजना से जोड़ा। दस्तावेजों की जांच से लेकर लोन स्वीकृति तक पूरी प्रक्रिया सुचारू रूप से संपन्न हुई।
बिना गिरवी के मिलता है लोन
इस योजना की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसमें लोन लेने के लिए किसी बड़ी गिरवी की जरूरत नहीं होती। छोटे व्यापारी और विक्रेता आसानी से लोन प्राप्त कर सकते हैं और अपना व्यवसाय शुरू या विस्तारित कर सकते हैं।
यह सुविधा उन लोगों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है जिनके पास संपत्ति नहीं है लेकिन वे मेहनत करके अपना और अपने परिवार का पेट पालना चाहते हैं।
सम्मान के साथ आजीविका
PM स्वनिधि योजना सिर्फ आर्थिक मदद नहीं देती, बल्कि लोगों को सम्मान के साथ जीने का अवसर भी प्रदान करती है। रेहड़ी-पटरी वाले अब खुद को व्यवसायी मानते हैं और गर्व के साथ अपना काम करते हैं।
यह योजना साबित करती है कि सरकार छोटे व्यापारियों की परवाह करती है और उन्हें मुख्यधारा में लाने के लिए प्रतिबद्ध है। चमोली जैसे दुर्गम इलाकों में भी योजना का सफल क्रियान्वयन इसका प्रमाण है।
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