उज्जवला योजना के 10.35 करोड़ लाभार्थी पुरे! LPG खपत में जबरदस्त उछाल, हर सिलेंडर पर ₹300 सब्सिडी का लाभ

प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के लाभार्थी 10.35 करोड़ तक पहुंचे। प्रति व्यक्ति LPG खपत 2019-20 में 3 रिफिल से बढ़कर 2025-26 में 4.85 हुई। ₹300 प्रति सिलेंडर सब्सिडी से किफायत बनी। 25 लाख नए कनेक्शन की मंजूरी। 12 करोड़ सुरक्षा जांच और 27,000 EV चार्जिंग स्टेशन स्थापित।

  • 10.35 करोड़ परिवारों तक पहुंची उज्जवला योजना
  • हर सिलेंडर पर ₹300 सब्सिडी और 25 लाख नए कनेक्शन
  • 12 करोड़ से ज्यादा सुरक्षा जांच और 4.65 करोड़ होज़ बदले
  • 27,000 EV चार्जिंग स्टेशन और 1,064 इंटीग्रेटेड एनर्जी हब

पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने शुक्रवार को जो आंकड़े जारी किए हैं, वे सरकार की प्रधानमंत्री उज्जवला योजना की सफलता की कहानी बयां करते हैं।

1 दिसंबर 2025 तक इस योजना के तहत लाभार्थियों की संख्या 10.35 करोड़ तक पहुंच गई है। यह योजना स्वच्छ खाना पकाने के ईंधन तक सार्वभौमिक पहुंच सुनिश्चित करने के उद्देश्य से शुरू की गई थी।

सबसे बड़ी बात यह है कि सिर्फ कनेक्शन देना ही काफी नहीं था। असली चुनौती यह थी कि लोग वाकई में LPG का इस्तेमाल भी करें। और इस मोर्चे पर भी सरकार को बड़ी सफलता मिली है।

हर सिलेंडर पर ₹300 की सब्सिडी से बढ़ी खपत

LPG की किफायत को बनाए रखने के लिए सरकार ने एक अहम कदम उठाया है। PMUY लाभार्थियों को 14.2 किलोग्राम के सिलेंडर पर ₹300 की लक्षित सब्सिडी दी जा रही है।

यह सब्सिडी साल में नौ रिफिल तक के लिए मिलती है। इस हस्तक्षेप का नतीजा साफ दिख रहा है।

2019-20 में प्रति व्यक्ति औसत खपत करीब तीन रिफिल थी। वित्त वर्ष 2024-25 में यह बढ़कर 4.47 रिफिल हो गई।

और अब वित्त वर्ष 2025-26 में यह आंकड़ा और बढ़कर 4.85 रिफिल प्रति वर्ष के अनुपातिक स्तर तक पहुंच गया है।

यह संख्या बताती है कि लोग न सिर्फ कनेक्शन ले रहे हैं, बल्कि लगातार स्वच्छ खाना पकाने के ईंधन का इस्तेमाल भी कर रहे हैं।

25 लाख नए कनेक्शन का प्रावधान

बची हुई आवेदनों को निपटाने और LPG पहुंच की संतृप्ति हासिल करने के लिए सरकार ने एक और बड़ा कदम उठाया है।

वित्त वर्ष 2025-26 के दौरान 25 लाख अतिरिक्त LPG कनेक्शन जारी करने की मंजूरी दी गई है।

यह उन परिवारों के लिए राहत की खबर है जो लंबे समय से कनेक्शन का इंतजार कर रहे थे।

सरकार का लक्ष्य है कि देश में हर घर तक स्वच्छ ईंधन की पहुंच हो। इस दिशा में यह कदम काफी महत्वपूर्ण है।

आधार से जुड़ी पारदर्शिता

सब्सिडी को सही लोगों तक पहुंचाने और पारदर्शिता बढ़ाने के लिए आधार प्रमाणीकरण की प्रक्रिया को तेज किया गया है।

1 दिसंबर 2025 तक के आंकड़े बताते हैं कि बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण PMUY उपभोक्ताओं के 71 फीसदी और गैर-PMUY उपभोक्ताओं के 62 फीसदी तक पहुंच गया है।

यह कदम लीकेज रोकने और यह सुनिश्चित करने में मददगार साबित हो रहा है कि सब्सिडी का लाभ वास्तविक जरूरतमंदों को ही मिले।

आधार से जुड़ाव डुप्लीकेट और फर्जी कनेक्शन पर भी लगाम लगा रहा है।

12 करोड़ से ज्यादा सुरक्षा जांच

उपभोक्ता सुरक्षा को मजबूत करने के लिए देशव्यापी ‘बेसिक सेफ्टी चेक’ अभियान चलाया गया।

इस अभियान के तहत ग्राहकों के परिसरों में 12.12 करोड़ से अधिक मुफ्त सुरक्षा निरीक्षण किए गए। यह एक अभूतपूर्व पहल थी।

साथ ही 4.65 करोड़ से अधिक LPG होज़ को रियायती दरों पर बदला गया। यह कदम घरेलू LPG उपयोग में जागरूकता और सुरक्षा मानकों को काफी बढ़ा रहा है।

LPG सिलेंडर से जुड़ी दुर्घटनाओं को रोकने में यह अभियान कारगर साबित हो रहा है। पुरानी और खराब होज़ अक्सर लीकेज का कारण बनती थीं।

90 हजार रिटेल आउटलेट्स पर डिजिटल पेमेंट

मंत्रालय ने पेट्रोलियम मार्केटिंग के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने पर भी जोर दिया है।

90,000 से अधिक रिटेल आउटलेट्स को डिजिटल भुगतान सुविधाओं से लैस किया गया है। इसे 2.71 लाख से अधिक POS टर्मिनलों का समर्थन मिल रहा है।

यह कदम कैशलेस लेनदेन को बढ़ावा देने और ग्राहकों को सुविधा प्रदान करने की दिशा में है।

पेट्रोल पंपों पर अब कार्ड से भुगतान करना बेहद आसान हो गया है। यह डिजिटल इंडिया मिशन का भी हिस्सा है।

EV चार्जिंग स्टेशनों का तेजी से विस्तार

साल के दौरान इलेक्ट्रिक मोबिलिटी इन्फ्रास्ट्रक्चर का तेजी से विस्तार हुआ है।

FAME-II योजना के तहत रिटेल आउटलेट्स पर 8,932 EV चार्जिंग स्टेशन स्थापित किए गए। यह अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है।

इसके अलावा ऑयल मार्केटिंग कंपनियों (OMC) ने अपने संसाधनों से 18,500 से अधिक चार्जिंग स्टेशन स्थापित किए।

कुल मिलाकर देश में अब 27,000 से ज्यादा चार्जिंग स्टेशन हो गए हैं। यह इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने में तेजी लाने में मददगार होगा।

ट्रकर्स के लिए 500 ‘अपना घर’ सुविधा केंद्र

‘अपना घर’ पहल के तहत ट्रकर्स के लिए 500 से अधिक वेसाइड सुविधाएं स्थापित की गई हैं।

लंबे मार्गों पर सफर करने वाले ट्रक चालकों के लिए यह एक बड़ी राहत है। उन्हें अब आराम करने और ताजगी के लिए उचित स्थान मिल रहे हैं।

इससे सड़क सुरक्षा में सुधार हो रहा है और ग्रामीण रोजगार को भी समर्थन मिल रहा है।

थके हुए ड्राइवरों के कारण होने वाली दुर्घटनाओं को कम करने में यह पहल अहम भूमिका निभा रही है।

4,000 इंटीग्रेटेड एनर्जी स्टेशन का लक्ष्य

सार्वजनिक क्षेत्र की OMC 2024-25 से 2028-29 के दौरान प्रमुख गलियारों और अन्य व्यवहार्य स्थानों पर 4,000 एनर्जी स्टेशन स्थापित कर रही हैं।

ये स्टेशन इंटीग्रेटेड मोबिलिटी हब के रूप में विकसित किए जा रहे हैं। यहां पेट्रोल और डीजल जैसे पारंपरिक ईंधन के साथ-साथ वैकल्पिक ईंधन भी उपलब्ध होंगे।

इनमें बायोफ्यूल, CNG और इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग सुविधाएं शामिल हैं।

1 नवंबर 2025 तक देश भर में 1,064 एनर्जी स्टेशन स्थापित किए जा चुके हैं। लक्ष्य की दिशा में यह अच्छी प्रगति है।

गैस आधारित अर्थव्यवस्था का विस्तार

गैस आधारित अर्थव्यवस्था के विस्तार में भी महत्वपूर्ण प्रगति हुई है।

देश में प्राकृतिक गैस पाइपलाइनों की परिचालन लंबाई 2014 में 15,340 किलोमीटर से बढ़कर जून 2025 तक 25,429 किलोमीटर हो गई है।

राष्ट्रीय गैस ग्रिड के हिस्से के रूप में 10,459 किलोमीटर और पाइपलाइन निष्पादन के अधीन हैं।

सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन कवरेज बढ़कर 307 भौगोलिक क्षेत्रों तक पहुंच गया है।

सितंबर 2025 तक PNG घरेलू कनेक्शन करीब 1.57 करोड़ तक पहुंच गए और CNG स्टेशन बढ़कर 8,400 से अधिक हो गए।

कंप्रेस्ड बायो गैस संयंत्रों में तेजी

SATAT पहल के तहत 1 नवंबर 2025 तक 130 से अधिक कंप्रेस्ड बायो गैस संयंत्र चालू किए जा चुके हैं। कई और निर्माणाधीन हैं।

वित्त वर्ष 2025-26 से CNG और PNG खंडों में CBG के लिए अनिवार्य मिश्रण दायित्व शुरू हो गया है।

पाइपलाइन कनेक्टिविटी और बायोमास एकत्रीकरण के लिए वित्तीय सहायता से इसे समर्थन मिल रहा है।

यह पहल न सिर्फ स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा दे रही है बल्कि किसानों को उनके कृषि अपशिष्ट के लिए अतिरिक्त आय का जरिया भी दे रही है।

इथेनॉल मिश्रण में बड़ी छलांग

बायोफ्यूल्स के क्षेत्र में साल के दौरान बड़ी उपलब्धियां हासिल हुईं।

पेट्रोल में इथेनॉल मिश्रण ESY 2024-25 में औसतन 19.24 फीसदी तक पहुंच गया। यह एक उल्लेखनीय प्रगति है।

संचयी विदेशी मुद्रा बचत ₹1.55 लाख करोड़ से अधिक हो गई है। साथ ही कार्बन उत्सर्जन में भी पर्याप्त कमी आई है।

यह पर्यावरण और अर्थव्यवस्था दोनों के लिए फायदेमंद साबित हो रहा है।

अन्वेषण क्षेत्र में सुधार

अपस्ट्रीम क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण सुधार हुए हैं।

हाइड्रोकार्बन एक्सप्लोरेशन लाइसेंसिंग पॉलिसी के तहत 3.78 लाख वर्ग किलोमीटर से अधिक को कवर करने वाले 172 ब्लॉक प्रदान किए गए।

इसने लगभग $4.36 बिलियन के प्रतिबद्ध निवेश को आकर्षित किया है।

भूकंपीय सर्वेक्षण, ड्रिलिंग कार्यक्रम और ‘मिशन अन्वेषण’ जैसी सरकारी वित्त पोषित पहलों के माध्यम से अन्वेषण गतिविधि तेज हुई है।

ऊर्जा सुरक्षा की दिशा में मजबूत कदम

मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि निरंतर नीतिगत सुधारों, बुनियादी ढांचे के विस्तार और स्वच्छ ऊर्जा पहलों के माध्यम से 2025 के दौरान ऊर्जा पहुंच, किफायत, स्थिरता और सुरक्षा को मजबूत करने में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है।

यह सब भारत की लचीले और समावेशी ऊर्जा भविष्य की यात्रा को समर्थन दे रहा है।

सरकार का फोकस साफ है – हर घर तक स्वच्छ ईंधन की पहुंच सुनिश्चित करना और साथ ही भविष्य के लिए टिकाऊ ऊर्जा समाधान तैयार करना।

उज्जवला योजना की सफलता दिखाती है कि सही नीति और ठोस क्रियान्वयन से बड़े बदलाव संभव हैं। यह महिला सशक्तीकरण और स्वास्थ्य सुधार में भी योगदान दे रही है।

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