सोमवार को अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमतें पहली बार 3600 डॉलर प्रति औंस के पार पहुंचीं. अमेरिका के कमजोर आर्थिक आंकड़ों ने निवेशकों का रुझान सोने की ओर बढ़ाया. विशेषज्ञों का कहना है कि कीमतें जल्द ही ₹1,10,000 (3700 डॉलर प्रति औंस) प्रति 10 ग्राम तक जा सकती हैं. आइए जानते हैं क्या है इस तेजी का कारण और निवेशकों के लिए इसका क्या मतलब है.
कीमतों में क्यों आ रही है तेजी?
इस साल सोने की कीमतों में 38% की बढ़ोतरी देखी गई है. इसके पीछे कई बड़े कारण हैं:
-
अमेरिकी डॉलर में कमजोरी: कमजोर डॉलर ने सोने को अन्य मुद्राओं में सस्ता कर दिया.
-
केंद्रीय बैंकों की खरीदारी: खासकर चीन का केंद्रीय बैंक लगातार 10 महीनों से सोना खरीद रहा है.
-
ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद: अमेरिकी फेडरल रिजर्व के ब्याज दरों में कटौती की संभावना बढ़ने से सोना आकर्षक हो रहा है.
-
वैश्विक अनिश्चितता: भू-राजनीतिक और आर्थिक अस्थिरता ने सोने को सुरक्षित निवेश बनाया है.
अमेरिकी आंकड़ों का असर
पिछले हफ्ते आए अमेरिकी नौकरी आंकड़ों ने सबको चौंका दिया. अगस्त में नौकरियों की वृद्धि उम्मीद से कम रही और बेरोजगारी दर 4.3% तक पहुंच गई. इससे फेडरल रिजर्व की 25 बेसिस पॉइंट की दर कटौती की संभावना 90% हो गई है. कम ब्याज दरें सोने जैसे निवेश को और आकर्षक बनाती हैं.
विशेषज्ञ क्या कहते हैं?
स्विसक्वोट बैंक के विश्लेषक कार्लो अल्बर्टो ने बताया
“ब्याज दरों में कमी और वैश्विक अनिश्चितता सोने की मांग को बढ़ा रही है.”
वहीं UBS के विश्लेषक जियोवन्नी स्टैनोवो का कहना है कि 2026 तक सोना ₹1,10,000 (3700 डॉलर प्रति औंस) प्रति 10 ग्राम तक जा सकता है. निवेशकों की नजर अब अमेरिकी प्रोड्यूसर और कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स डेटा पर है जो इस हफ्ते आएंगे.
निवेशकों के लिए क्या मतलब?
सोने की कीमतों में यह तेजी निवेशकों के लिए बड़ा मौका हो सकती है. हालांकि विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि निवेश से पहले बाजार के रुझानों और आर्थिक आंकड़ों पर नजर रखें. सोने की चमक अभी और बढ़ने की उम्मीद है लेकिन सावधानी बरतना जरूरी है.
आपकी क्या राय है?
अपनी प्रतिक्रिया यहां साझा करें — हमें जानकर खुशी होगी कि आप इस खबर के बारे में कैसा महसूस कर रहे है!