चांदी ने दिया 170% रिटर्न, 2025 में जबरदस्त तेजी, विशेषज्ञों का दावा – 2026 में छू सकती है 100 डॉलर प्रति औंस

2025 में चांदी ने 170 फीसदी की शानदार तेजी दर्ज की है। घरेलू बाजार में कीमतें 1.45 लाख रुपये प्रति किलो बढ़ीं। औद्योगिक मांग, सप्लाई डेफिसिट और फेड रेट कट से विशेषज्ञ 2026 में 100 डॉलर प्रति औंस का अनुमान लगा रहे हैं।

  • 2025 में 170% की जबरदस्त तेजी
  • ईवी और सोलर की मांग बनी ताकत
  • 100 डॉलर की ओर बढ़ सकती है चांदी
  • ओवरवैल्यूएशन का जोखिम भी

Silver Price: साल 2025 चांदी में निवेश करने वालों के लिए सोने जैसा साबित हुआ है। घरेलू बाजार में चांदी की कीमतें इस साल करीब 1,45,000 रुपये प्रति किलो बढ़कर 170 फीसदी की शानदार छलांग लगा चुकी हैं।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सिल्वर ने साल भर में 158 प्रतिशत का जबरदस्त रिटर्न दिया है। विश्लेषकों का मानना है कि यह तेजी अभी थमने वाली नहीं है।

100 डॉलर प्रति औंस की संभावना

बाजार जानकारों का कहना है कि औद्योगिक मांग में उछाल, आपूर्ति की कमी और अमेरिकी फेडरल रिजर्व की ब्याज दरों में कटौती ने चांदी को नई ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया है।

कई विशेषज्ञ अब यह भविष्यवाणी कर रहे हैं कि 2026 में चांदी 100 डॉलर प्रति औंस के आंकड़े को छू सकती है। शुक्रवार को एमसीएक्स पर सिल्वर मार्च फ्यूचर्स ने दिन में 2,32,741 रुपये प्रति किलो का रिकॉर्ड स्तर छुआ था।

अधिकतर विश्लेषक अगले साल चांदी के 70 से 85 डॉलर प्रति औंस की रेंज में रहने का अनुमान लगा रहे हैं।

इलेक्ट्रिक वाहन और सोलर सेक्टर बना कारण

उद्योग विशेषज्ञों के मुताबिक चांदी की बढ़ती मांग के पीछे इलेक्ट्रिक वाहन, सोलर पैनल, सेमीकंडक्टर और डेटा सेंटर जैसे क्षेत्रों में इसका बढ़ता इस्तेमाल है।

इन नई तकनीकों में चांदी की जरूरत लगातार बढ़ रही है जबकि इसकी आपूर्ति सीमित बनी हुई है। 2024 में चांदी की आपूर्ति में 14.89 करोड़ औंस की कमी दर्ज की गई, जो कई सालों से जारी संरचनात्मक घाटे को दर्शाता है।

इस सप्लाई डेफिसिट ने निवेशकों का भरोसा मजबूत किया है।

फेड की ब्याज कटौती से मिला बूस्ट

अमेरिकी फेडरल रिजर्व से 0.75 प्रतिशत की अतिरिक्त ब्याज दर कटौती की उम्मीदें बनी हुई हैं। अगले साल कम से कम दो बार और रेट कट की संभावना जताई जा रही है।

कमजोर डॉलर और भू-राजनीतिक तनाव भी कीमती धातुओं की मांग को औद्योगिक इस्तेमाल से परे ले जा रहे हैं।

वेनेजुएला के क्रूड ऑयल पर अमेरिकी नाकाबंदी, रूस-यूक्रेन संघर्ष और नाइजीरिया में आईसिस के खिलाफ अमेरिकी सैन्य कार्रवाई से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तनाव बढ़ा है।

इस महीने अमेरिकी कोस्ट गार्ड ने प्रतिबंधों के तहत वेनेजुएला का तेल ले जा रहे एक सुपर टैंकर को जब्त कर लिया। सप्ताहांत में दो और जहाजों को रोकने की कोशिश की गई जिससे तनाव और बढ़ गया।

ईटीएफ में जोरदार निवेश

चांदी में ईटीएफ के जरिए भी भारी निवेश आ रहा है। निवेशक सोने के साथ-साथ चांदी को भी सुरक्षित निवेश के विकल्प के तौर पर देख रहे हैं।

हालांकि चांदी की हाई-बीटा प्रकृति इसे ज्यादा अस्थिर बनाती है, लेकिन एक बार प्रमुख प्रतिरोध स्तर टूटने पर इसमें तेजी और रफ्तार पकड़ सकती है।

2026 के लिए सावधानी भी जरूरी

एक्सिस म्यूचुअल फंड की हालिया रिपोर्ट में 2026 के लिए चांदी पर सकारात्मक नजरिया रखते हुए कुछ जोखिमों की भी चेतावनी दी गई है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि ओवरवैल्यूएशन से ईटीएफ आउटफ्लो हो सकता है या कॉपर की कीमतों में गिरावट भी चांदी पर असर डाल सकती है।

केंद्रीय बैंकों की चांदी के बजाय सोने को तरजीह देने की प्रवृत्ति भी आधिकारिक मांग में सहायता को सीमित कर सकती है। औद्योगिक उपयोग में संभावित प्रतिस्थापन भी एक जोखिम है।

समग्र दृष्टिकोण सकारात्मक

इन चुनौतियों के बावजूद रिपोर्ट का कहना है कि चांदी का समग्र दृष्टिकोण रचनात्मक बना हुआ है। कई अनुकूल कारक इसकी तेजी को बनाए रखने में मदद कर रहे हैं, भले ही वैल्यूएशन खिंच रहे हों।

निवेशकों को सलाह दी जा रही है कि वे चांदी में निवेश करते समय अपने पोर्टफोलियो में विविधता बनाए रखें और बाजार की चाल पर नजर रखें।

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