Home शिक्षायूजीसी नेट की अनिवार्यता हटाई गई, महिला एवं बाल विकास विभाग में भर्ती प्रक्रिया में बड़ा बदलाव

यूजीसी नेट की अनिवार्यता हटाई गई, महिला एवं बाल विकास विभाग में भर्ती प्रक्रिया में बड़ा बदलाव

नए नियमों में पदों के नाम बदलकर वेतनमान को सातवें वेतन आयोग के मुताबिक अपडेट किया गया है. साथ ही शैक्षणिक योग्यताओं में सुधार के साथ नए पदों को भी शामिल कर लिया गया है. पहले बाल विकास परियोजना अधिकारी कहे जाने वाले पद को अब महिला एवं बाल विकास परियोजना अधिकारी और कार्यक्रम अधिकारी को जिला कार्यक्रम अधिकारी नाम दिया गया है. पढ़िए पूरी खबर -

by NFLSpice News
यूजीसी नेट की अनिवार्यता हटाई गई, महिला एवं बाल विकास विभाग में भर्ती प्रक्रिया में बड़ा बदलाव

हरियाणा सरकार ने महिला एवं बाल विकास विभाग में भर्ती प्रक्रिया को और पारदर्शी बनाने के लिए नियमों में बदलाव किया है. अब ज्यादातर पदों पर प्रमोशन को प्राथमिकता दी जाएगी, जिससे विभागीय कर्मचारियों को करियर में आगे बढ़ने का मौका मिलेगा.

प्रमोशन और सीधी भर्ती का नया नियम

नए नियमों के तहत जिला कार्यक्रम अधिकारी (महिला) के 75% पद अब प्रमोशन से भरे जाएंगे, जबकि बाकी 25% सीधी भर्ती के जरिए. इसी तरह, महिला एवं बाल विकास परियोजना अधिकारी (महिला) और उप निदेशक (समेकित बाल विकास सेवाएं) के 50% पद सीधी भर्ती और 50% प्रमोशन से भरे जाएंगे. यह बदलाव कर्मचारियों के अनुभव को महत्व देने के साथ-साथ नई प्रतिभाओं को मौका देने के लिए किया गया है.

आदेश जारी, वेतनमान में भी अपडेट

महिला एवं बाल विकास विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधीर राजपाल ने नए नियमों को लागू करने के लिए आदेश जारी किए हैं. इन नियमों में पदों के नामकरण, वेतनमान और शैक्षणिक योग्यताओं को अपडेट किया गया है. बाल विकास परियोजना अधिकारी (महिला) और कार्यक्रम अधिकारी (महिला) के पदों का नाम अब आधिकारिक तौर पर महिला एवं बाल विकास परियोजना अधिकारी (महिला) और जिला कार्यक्रम अधिकारी (महिला) होगा. इनका वेतनमान सातवें वेतन आयोग के अनुसार तय किया गया है.

यूजीसी नेट की जरूरत खत्म

नए नियमों में उप निदेशक पद के लिए सीधी भर्ती में यूजीसी नेट की अनिवार्यता को हटा दिया गया है. पहले की भर्ती प्रक्रियाओं में योग्य उम्मीदवारों की कमी के चलते यह फैसला लिया गया. इसके अलावा हरियाणा लोक सेवा आयोग (HPSC) की सलाह पर भर्ती प्रक्रिया को और आसान बनाने के लिए शैक्षणिक योग्यताओं में भी बदलाव किया गया है. अब सभी पदों के लिए दसवीं या उच्चतर स्तर पर हिंदी या संस्कृत को अनिवार्य विषय के रूप में शामिल किया गया है.

भर्ती प्रक्रिया को और आसान बनाने की कोशिश

महिला एवं बाल विकास परियोजना अधिकारी (महिला) के पद के लिए पहले दो अलग-अलग शैक्षणिक योग्यताओं के साथ 50% कोटे का प्रावधान था, जिसे अब हटा दिया गया है. इससे भर्ती प्रक्रिया को और सुव्यवस्थित करने में मदद मिलेगी. ये बदलाव न केवल विभागीय कर्मचारियों को प्रोत्साहन देंगे बल्कि नई भर्तियों के लिए भी रास्ता आसान करेंगे.

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