चंडीगढ़। हरियाणा के किसानों को अब डीएपी या यूरिया लेने के लिए जिंक, कीटनाशक या कोई और अनचाहा सामान जबरन नहीं ठूंसा जाएगा। कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्याम सिंह राणा ने साफ लफ्जों में चेतावनी दे दी है कि जो भी सरकारी अफसर या प्राइवेट डीलर ऐसा करेगा, उसकी शामत आ जाएगी।
बुधवार को विभाग की हाईलेवल मीटिंग में मंत्री ने तल्ख लहजे में कहा, “किसान को उसकी मर्जी के खिलाफ कुछ भी थोपना सिर्फ गलत नहीं, बल्कि केंद्र और राज्य सरकार की पॉलिसी का सीधा उल्लंघन है। ऐसा करने वालों को बिल्कुल बख्शा नहीं जाएगा।”
उन्होंने सभी जिला कृषि उपनिदेशकों को फटकार लगाते हुए फौरन एक्शन लेने को कहा। मौके पर छापा मारो, जांच करो और दोषी पकड़ा गया तो लाइसेंस रद्द से लेकर एफआईआर तक कुछ भी हो सकता है। विभाग ने तो इसके लिए स्पेशल मॉनिटरिंग टीमें भी तैनात कर दी हैं।
पिछले कुछ दिनों में कई किसानों ने शिकायत की थी कि डीलर कहते हैं – भाई यूरिया चाहिए तो दो बोरी जिंक भी ले लो, नहीं तो सामान नहीं मिलेगा। बस, इसी पर मंत्री जी भड़क गए। बोले, “ये खेल अब नहीं चलेगा।”
किसानों के लिए राहत की बात ये है कि शिकायत करने का रास्ता आसान कर दिया गया है। कोई दबाव डाले तो सीधे टोल-फ्री नंबर 1800-180-1551 पर फोन घुमाओ। या फिर ब्लॉक, तहसील या जिला कृषि दफ्तर में जाकर बता दो। मंत्री का दावा है – शिकायत आएगी तो उसी दिन कार्रवाई शुरू।
अच्छी खबर ये भी कि प्रदेश में डीएपी और यूरिया की कोई कमी नहीं है। केंद्र से लगातार सप्लाई आ रही है, हर जिले में बफर स्टॉक पड़ा है। पीएसीएस, प्राइवेट दुकानें और मार्केटिंग बोर्ड के केंद्रों से बांटा जा रहा है। पीओएस मशीन पर बायोमेट्रिक चेक अनिवार्य होने की वजह से काला बाजारी पर भी लगाम लगी है।
हाल ही में कुछ शरारती डीलरों के खिलाफ तो एफआईआर भी कट चुकी है और उनके लाइसेंस सस्पेंड कर दिए गए। मंत्री राणा ने साफ कहा, “किसान को जब चाहिए, जितना चाहिए, वही मिलेगा। कोई बहाना नहीं चलेगा।”
अब देखना ये है कि फरमान कितना असर दिखाता है और गांव-गांव तक ये सख्ती पहुंचती है या नहीं। लेकिन इतना तय है – इस बार सरकार ने साफ-साफ लाइन खींच दी है। जो उससे बाहर जाएगा, वो अपनी ही खैर मनाए।
