धारूहेड़ा में अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर हवन; वैदिक मंत्रोच्चार के बीच आदर्शों पर चलने का संकल्प

धारूहेड़ा में अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर हवन आयोजित हुआ। 20 से अधिक कार्यकर्ताओं ने आहुति दी और वैदिक मंत्रोच्चार के बीच उनके विचारों को याद किया। स्थानीय नेताओं ने आदर्शों पर चलने का संकल्प लेते हुए श्रद्धांजलि दी।

  • धारूहेड़ा में अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर हवन, 20+ कार्यकर्ताओं ने दी आहुति
  • वैदिक मंत्रोच्चार के बीच आदर्शों पर चलने का लिया संकल्प
  • स्थानीय नेताओं की मौजूदगी, श्रद्धांजलि और विचारों को आत्मसात करने का आह्वान
  • वाजपेयी के योगदान और विचारों को नई पीढ़ी तक पहुँचाने पर जोर

धारूहेड़ा (रेवाड़ी)। भारत रत्न और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर गुरुवार को धारूहेड़ा में एक भावनात्मक और गरिमामय माहौल देखने को मिला। नगर के कार्यकर्ताओं ने पारंपरिक वैदिक विधि से हवन यज्ञ आयोजित कर वाजपेयी को श्रद्धांजलि दी। सुबह से ही स्थानीय लोगों और कार्यकर्ताओं का जुटना शुरू हो गया था। करीब 20 से अधिक कार्यकर्ताओं ने हवन में आहुति दी और वैदिक उच्चारण के बीच राष्ट्रनिर्माण में वाजपेयी के योगदान को याद किया। कुछ असहज खामोशी, कहीं आत्मीयता… पूरा वातावरण स्मृतियों और सम्मान से भरा रहा।

हवन के बाद मौजूद लोगों ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी केवल एक पूर्व प्रधानमंत्री नहीं, बल्कि एक विचार और आदर्श हैं। उनके भाषणों, कूटनीति और विकासवादी दृष्टि को आज भी प्रेरणा के रूप में देखा जाता है। स्थानीय कार्यक्रम संयोजक ने बताया कि यह हवन सिर्फ एक रस्म नहीं, बल्कि एक प्रतिबद्धता है – अटल जी के विचारों पर चलते हुए समाज और राष्ट्र के लिए कार्य करने की।

कार्यक्रम के अंत में कार्यकर्ताओं और नागरिकों ने अटल जी के आदर्शों पर चलने और समाज में संवेदनशीलता, संवाद और विकास की संस्कृति को बढ़ावा देने का संकल्प लिया। लोगों का कहना था कि आज के समय में भी वाजपेयी की राजनीति का सबसे बड़ा आधार शिष्टाचार, संवाद और राष्ट्रहित रहा है, और यही बात उन्हें अन्य नेताओं से अलग बनाती है।

कार्यक्रम में नगर पालिका के उपाध्यक्ष अजय जांगड़ा, अशोक कोसलिया, हितपाल शर्मा, सुरेश सैनी, शैलेन्द्र, राकेश समेत कई स्थानीय प्रतिनिधि मौजूद रहे। सभी ने संयुक्त रूप से कहा कि आने वाली पीढ़ी को वाजपेयी की नीति और सोच से परिचित कराना ज़रूरी है ताकि राजनीति सिर्फ सत्ता तक सीमित न रहे बल्कि जनसेवा का माध्यम बन सके।

इस श्रेणी की और खबरें पढ़ने के लिए क्लिक करें: हरियाणा

Related Stories