कैथल में बड़ा फैसला: चुहड़ माजरा बना ‘ब्रह्मानंद माजरा’, CM सैनी की ऐतिहासिक घोषणा और 51 लाख का विकास पैकेज
हरियाणा के कैथल जिले में चुहड़ माजरा गांव का नाम बदलकर ‘ब्रह्मानंद माजरा’ कर दिया गया। CM नायब सिंह सैनी ने इसकी घोषणा करते हुए 51 लाख रुपये के विकास पैकेज, पुस्तकालय निर्माण और गुरुग्राम में कोचिंग सेंटर जैसी कई योजनाओं की घोषणा की।
- कैथल के चुहड़ माजरा का नाम बदला, अब ब्रह्मानंद माजरा
- CM सैनी ने किया गांव के नए नाम का ऐलान
- जगद्गुरु ब्रह्मानंद की जन्मस्थली को नई पहचान
- गांव के विकास के लिए ₹51 लाख की घोषणा
कैथल (हरियाणा) 27 दिसम्बर: हरियाणा के कैथल जिले में रविवार का दिन इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया। गांव चुहड़ माजरा का नाम आधिकारिक रूप से बदलकर ‘ब्रह्मानंद माजरा’ कर दिया गया। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने राज्य स्तरीय समारोह में मंच से इसकी घोषणा की।
कार्यक्रम में मौजूद ग्रामीणों के बीच तालियों की गड़गड़ाहट तब और तेज हो गई जब CM सैनी ने बताया कि ग्राम पंचायत की पहल पर भेजे गए प्रस्ताव को सभी औपचारिकताओं के बाद मंजूरी मिल गई है। अब से गांव हर सरकारी दस्तावेज में इसी नए नाम से दर्ज होगा।
उन्होंने कहा कि यह कदम केवल नाम बदलने भर का नहीं है बल्कि गांव की आत्मा से जुड़ी उस पहचान को सामने लाने का प्रयास है, जो वर्षों से लोगों की स्मृतियों में जीवित रही। यह गांव जगद्गुरु ब्रह्मानंद की जन्मस्थली है और समाज सुधार के उनके योगदान के सम्मान में यह फैसला लिया गया है।
इतिहास से भविष्य की रेखा
मुख्यमंत्री ने कहा कि संतों और महापुरुषों के नाम पर विकास की दिशा तय करना शासन की प्राथमिकता है ताकि आने वाली पीढ़ियां इतिहास की जमीन से सीख सकें। उन्होंने निर्देश दिया कि सरकारी रिकॉर्ड, नक्शों और राजस्व विभाग के अभिलेखों में संशोधन जल्द पूरे किए जाएँ।
कुछ ग्रामीणों ने मंच से उतरते मुख्यमंत्री की ओर बढ़कर हाथ जोड़ धन्यवाद भी दिया। भीड़ में मौजूद बुजुर्गों की आंखों में गर्व साफ देखा जा सकता था।
विकास की नई घोषणाएं
नाम परिवर्तन के साथ गांव को विकास योजनाओं का पैकेज भी मिला। मुख्यमंत्री ने 51 लाख रुपये की राशि की घोषणा की, जो ब्रह्मानंद माजरा के समग्र विकास पर खर्च की जाएगी।
उन्होंने कहा कि गांव में गुरु ब्रह्मानंद के नाम से एक आधुनिक पुस्तकालय खोला जाएगा। यह पुस्तकालय युवाओं को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में मदद करेगा और पढ़ाई के लिए एक शांत और सुलभ स्थान देगा।
शिक्षा और पहचान का विस्तार
गांव के मुख्य प्रवेश द्वार को गुरु ब्रह्मानंद के नाम से विकसित करने के लिए 21 लाख रुपये स्वीकृत किए गए। वहीं अहैर-कुरान इसराना चौक का नाम बदलकर गुरु ब्रह्मानंद चौक रखने और उसके सौंदर्यीकरण के लिए 30 लाख रुपये दिए जाएंगे।
ढांड-पूंडरी मार्ग का नाम भी गुरु ब्रह्मानंद के नाम पर होगा। इसके साथ ही गुरुग्राम में एक विशेष कोचिंग सेंटर बनाने की भी घोषणा की गई जहाँ युवाओं को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में सहायता मिलेगी। सरकार प्लॉट उपलब्ध कराने में सहयोग करेगी।
गांव के लोगों की उम्मीदें
कार्यक्रम खत्म होने के बाद गांव की गलियों में चर्चा एक ही थी—“अब हमारा गांव भी मानचित्र में अलग पहचान से उभरेगा।”
युवाओं ने उम्मीद जताई कि नाम के साथ अवसर भी मिलेंगे और यह बदलाव केवल कागजों में नहीं, जमीनी स्तर पर नज़र भी आएगा।
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