Commonwealth Games 2030: खेल के मैदान पर जब देश की शान दांव पर लगी होती है, तो खिलाड़ियों का जज्बा देखते ही बनता है। और अब जब भारत को साल 2030 में कॉमनवेल्थ गेम्स (Commonwealth Games) की मेजबानी का मौका मिला है, तो देशभर के एथलीट्स में एक अलग ही उत्साह देखने को मिल रहा है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कॉमनवेल्थ स्पोर्ट्स एग्जीक्यूटिव बोर्ड (Commonwealth Sports Executive Board) की बैठक में अहमदाबाद को होस्ट सिटी घोषित किया गया है। यानी अब विदेशी खिलाड़ी भारतीय धरती पर आकर अपने हुनर का प्रदर्शन करेंगे, और भारतीय खिलाड़ियों को घर में खेलने का फायदा मिलेगा।
हरियाणा के निशानेबाजों में खास उत्सुकता
हरियाणा को खेलों की धरती कहा जाता है — यहां से हर साल ऐसे खिलाड़ी निकलते हैं जो राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तिरंगा लहराते हैं। लोकल 18 की टीम ने जब राज्य के शूटर्स से बात की, तो उनके चेहरों पर चमक साफ दिखाई दे रही थी।
अंबाला के धीन गांव के रहने वाले पेरिस ओलंपिक (Paris Olympics) एयर शूटिंग प्लेयर सरबजोत सिंह ने कहा, “2030 में कॉमनवेल्थ गेम्स भारत में होने जा रहे हैं, इससे खुशी की बात और क्या हो सकती है। अहमदाबाद में खिलाड़ियों को बेहतरीन फैसिलिटी मिलेगी, और हम अभी से ट्रेनिंग में जुटे हैं।”
उन्होंने आगे बताया कि भारत में खिलाड़ियों को दी जाने वाली सुविधाएं पहले से बेहतर हो रही हैं, और इन गेम्स में भारतीय खिलाड़ी ढेरों मेडल लेकर आएंगे।
रोजाना चार-पांच घंटे की कड़ी मेहनत
सरबजोत रोजाना अपने गांव से अंबाला स्थित शूटिंग अकादमी आते हैं और चार से पांच घंटे तक प्रैक्टिस करते हैं। अकादमी में आने वाले दूसरे युवा खिलाड़ियों के साथ मिलकर वह 2030 की तैयारियों में लगे हुए हैं।
“पहले बाहर जाते थे, अब यहीं खेलेंगे” — आदित्य मालरा
हाल ही में कजाकिस्तान के शिमकेंट शहर (Shimkent city) में एशियन शूटिंग चैंपियनशिप 2025 (Asian Shooting Championship 2025) में सिल्वर मेडल जीत चुके अंबाला के आदित्य मालरा का कहना है कि यह पहली बार है जब विदेशी खिलाड़ी भारत आकर कॉमनवेल्थ गेम्स खेलेंगे।
आदित्य ने कहा, “पहले हम बाहर जाकर मेडल जीतते थे, अब अपने ही देश में खेलने का मौका मिलेगा। इससे बड़ी बात क्या हो सकती है? उत्साह तो है ही, लेकिन जिम्मेदारी भी दोगुनी हो गई है।”
वह अंबाला छावनी के फिनिक्स क्लब (Phoenix Club) में बनी शूटिंग अकादमी में रोजाना कई घंटे प्रैक्टिस करते हैं। अपने कोच गौरव से वह लगातार नए गुर सीख रहे हैं, ताकि 2030 तक वह पूरी तरह तैयार हो सकें और देश का नाम रोशन कर सकें।
भारत में बेहतर होती खेल सुविधाएं
दोनों खिलाड़ियों ने एक बात पर जोर दिया — भारत में अब खिलाड़ियों को जो ट्रेनिंग और फैसिलिटी मिल रही है, वह पहले के मुकाबले काफी बेहतर है। सरकार और खेल संगठनों का फोकस युवा खिलाड़ियों को तराशने पर ज्यादा है, और इसका नतीजा भी सामने आ रहा है।
कॉमनवेल्थ गेम्स 2030 में भारतीय खिलाड़ियों से मेडल की बारिश की उम्मीद की जा रही है। खासतौर पर शूटिंग जैसे इवेंट्स में, जहां हरियाणा के खिलाड़ियों का दबदबा रहा है।

