धारूहेड़ा पुलिस की बड़ी कार्रवाई: 17 साल से फरार उद्घोषित अपराधी ऋषिपाल गिरफ्तार, अपहरण केस में पकड़

धारूहेड़ा पुलिस ने 17 साल से फरार उद्घोषित अपराधी ऋषिपाल को गिरफ्तार किया। 2007 में नाबालिग के अपहरण केस में दर्ज मुकदमे के बाद वह अदालत में पेश नहीं हो रहा था। धारा 174ए के तहत भी केस दर्ज था। अब आरोपी न्यायिक हिरासत में।

  • 17 साल से फरार उद्घोषित अपराधी गिरफ्तार
  • नाबालिग अपहरण केस में पुलिस की बड़ी सफलता
  • 2009 से घोषित था PO, अब चढ़ा पुलिस के हत्थे
  • धारूहेड़ा पुलिस ने विशेष अभियान में दबोचा

रेवाड़ी (हरियाणा) NFLSpice News: रेवाड़ी के धारूहेड़ा थाना क्षेत्र में पुलिस ने एक ऐसे आरोपी को आखिरकार गिरफ्तार कर लिया है, जो करीब सत्रह साल से कानून की पकड़ से बाहर था। माननीय अदालत द्वारा उद्घोषित अपराधी घोषित किए गए उत्तर प्रदेश के सम्भल जिले के गांव देवराभुरा निवासी ऋषिपाल को पुलिस ने शनिवार को एक विशेष अभियान के दौरान गिरफ्तार किया।

कैसे शुरू हुई यह कहानी

धारूहेड़ा पुलिस के अनुसार, वर्ष 2007 में नाबालिग के अपहरण के मामले में ओमबीर और ऋषिपाल के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था। इस केस के बाद आरोपी अदालत की कार्यवाही में पेश नहीं हुए, जिसके चलते 2009 में रेवाड़ी अदालत ने दोनों को उद्घोषित अपराधी घोषित कर दिया।

ओमबीर ने बाद में युवती से शादी कर ली और आज उसके 5 बच्चे हैं। फिलहाल, ओमबीर की मौत हो चुकी है, जबकि ऋषिपाल इतने वर्षों से फरार चल रहा था।

पुलिस की लंबी चौड़ी तलाश

पुलिस ने समय-समय पर अभियान चलाए लेकिन ऋषिपाल की लोकेशन स्पष्ट नहीं थी। बीच में कई बार इनपुट मिले, पर हर बार वो पुलिस को चकमा देकर भाग निकलता रहा। मामला ठंडा पड़ता दिख रहा था, लेकिन धारूहेड़ा पुलिस ने इसे बंद नहीं किया।

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अदालत में पेश नहीं होने के चलते उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 174ए के तहत भी अलग से मुकदमा दर्ज किया गया। इस कार्रवाई ने मामले को फिर से सुर्खियों में ला दिया।

आखिर कैसे हुई गिरफ्तारी

थाना प्रभारी कश्मीर सिंह ने बताया कि शनिवार को पुलिस टीम को एक गोपनीय सूचना मिली, जिसके आधार पर गांव में घेराबंदी की गई। इस बार आरोपी खुद को संभाल नहीं पाया और पुलिस के हत्थे चढ़ गया।

अदालत में पेश करने के बाद आरोपी को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। पुलिस अब इस बात की भी जांच कर रही है कि फरारी के दौरान उसने किन-किन जगहों पर पनाह ली और क्या किसी ने उसे सहायता भी प्रदान की थी।

स्थानीय स्तर पर क्या माहौल

गांव में गिरफ्तारी की खबर फैलते ही चर्चा का माहौल बन गया। कुछ लोगों का कहना है कि इतने वर्षों बाद गिरफ्तारी होना यह संकेत देता है कि पुलिस ने मामले को गंभीरता से जीवित रखा। वहीं, कुछ लोग यह सवाल उठा रहे हैं कि आरोपी इतने लंबे समय तक कैसे बचता रहा।

धारूहेड़ा पुलिस का दावा है कि उनकी कार्रवाई न सिर्फ एक केस को अंजाम तक पहुँचाने की कोशिश है, बल्कि यह संदेश भी है कि कानून से भागकर कोई ज्यादा समय तक नहीं बच सकता।

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