फरीदाबाद। ग्रेटर फरीदाबाद के सेक्टर-85 में 250 गज के प्लाट को लेकर जो विवाद चला, उसमें पुलिस ने पहले पीड़ित को ही आरोपी बना दिया। अब उसी गलती की कीमत चुकानी पड़ी है। खेड़ी पुल थाने के प्रभारी कुलदीप दहिया को पुलिस आयुक्त ने तुरंत प्रभाव से सस्पेंड (suspended) कर दिया।
बात 15 नवंबर की है। प्लाट मालिक ने शिकायत की कि कुछ लोग जबरदस्ती कब्जा करने की कोशिश कर रहे हैं। मालिक के पास सारे कागजात थे, फिर भी थाने ने उल्टा उसी पर मारपीट और धमकी का मुकदमा दर्ज कर लिया। पीड़ित इधर-उधर भटकता रहा, कोई सुनवाई नहीं हुई। आखिरकार उसने सीधे पुलिस कमिश्नर सतेंद्र कुमार गुप्ता के पास गुहार लगाई।
कमिश्नर ने लगाई फटकार, ACP को सौंपी जांच
शिकायत मिलते ही आयुक्त ने सेंट्रल फरीदाबाद के एसीपी राजीव कुमार को जांच का जिम्मा दिया। जांच रिपोर्ट में साफ-साफ निकला कि थाना प्रभारी ने गलत पक्ष का साथ दिया। रिपोर्ट आते ही कुलदीप दहिया पर गाज गिरी। उन्हें लाइन हाजिर कर दिया गया है।
नया थानेदार आया, पुराना मेट्रो से यहां
अब खेड़ी पुल थाने की कमान इंस्पेक्टर देवेंद्र कुमार को सौंपी गई है। देवेंद्र पहले मेट्रो थाने के SHO थे। उनकी जगह वहां इंस्पेक्टर मनीष को लगा दिया गया है। फेरबदल तुरंत प्रभाव से लागू हो गया।
मिलीभगत की चल रही बात
अंदरखाने जो खबरें आ रही हैं, उनमें दूसरे पक्ष और तत्कालीन SHO के बीच सांठगांठ की चर्चा जोरों पर है। पीड़ित बार-बार थाने के चक्कर काटता रहा, कागज दिखाता रहा, लेकिन उसकी एक न सुनी गई। उल्टा उसे ही मुजरिम बना दिया गया। अब जांच में यही बात सामने आई है।
पुलिस वाले फिलहाल कुछ बोलने को तैयार नहीं। बस इतना कहा कि जो गलती हुई, उसपर एक्शन ले लिया गया है। पीड़ित परिवार को अब थोड़ी राहत है, पर प्लाट का झमेला अभी खत्म नहीं हुआ। देखना यह है कि आगे केस कहां मुड़ता है।

