हरियाणा में लगातार हो रही भारी बारिश से बाढ़ और जलभराव ने कई इलाकों को बुरी तरह प्रभावित किया है. सरकार ने इन मुश्किलों से निपटने के लिए फौरन कदम उठाए हैं. मुख्यमंत्री नायब सैनी ने बताया कि राज्य स्तर पर नुकसान की पल-पल नजर रखी जा रही है. लोगों की परेशानियों को कम करने के लिए एक खास ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल शुरू किया गया है.
इस पोर्टल पर अब तक 2897 गांवों से जुड़े करीब 1.7 लाख किसानों ने अपनी 9.97 लाख एकड़ जमीन का रजिस्ट्रेशन कराया है. इन सभी जगहों पर राहत काम तेजी से चल रहे हैं. जिलों को तुरंत मदद पहुंचाने के लिए करोड़ों रुपये की रिजर्व फंड मंजूर किया गया है.
सीएम ने कहा कि बाढ़ की वजह से घर छोड़ने वाले लोगों के लिए स्पेशल राहत कैंप लगाए जाएंगे. जहां जलभराव से फसलें बर्बाद हुई हैं, वहां हर एकड़ पर 15 हजार रुपये का मुआवजा दिया जाएगा. हरे चारे की कमी दूर करने के लिए सूखा चारा उपलब्ध कराया जाएगा. जिन घरों को नुकसान पहुंचा है या पूरी तरह गिर गए हैं, उनका सर्वे करके जल्दी से मुआवजा दिलाया जाएगा.
सरकार ने बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए कई कैटेगरी में आर्थिक पैकेज तय किया है. इसमें मौत होने पर 4 लाख रुपये, 40-60% अंग खोने पर 74 हजार रुपये और 60% से ज्यादा पर 2.5 लाख रुपये दिए जाएंगे. मैदानी इलाकों में पूरी तरह खराब हुए घरों के लिए 1.2 लाख रुपये और पहाड़ी क्षेत्रों में 1.3 लाख रुपये का प्रावधान है.
आंशिक नुकसान वाले पक्के घरों को 10 हजार और कच्चे घरों को 5 हजार रुपये मिलेंगे. दुकानों या बिजनेस को 100% नुकसान पर 1 लाख रुपये या असली लॉस के हिसाब से मदद. 1-5 लाख तक के कारोबारी नुकसान पर 1.75 से 3.05 लाख रुपये और इससे ज्यादा पर 3.05 लाख प्लस 10% एक्स्ट्रा.
फसलों की सब्सिडी प्रति एकड़ 7 हजार से 15 हजार तक होगी. दूध देने वाले पशुओं जैसे भैंस या गाय के नुकसान पर 37,500 रुपये, भेड़-बकरी पर 4 हजार, दूध न देने वाले पशुओं पर 32 हजार और मुर्गीपालन को 10 हजार तक की सहायता मिलेगी. यह सब पीड़ितों को जल्दी राहत देने और दोबारा बसाने के लिए है.
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