गोकलगढ़ के पानी के निकास का सवाल विधानसभा में गूंजा, 15 दिन में रिपोर्ट का भरोसा
रेवाड़ी के गोकलगढ़ गांव में गंदे पानी की निकासी का मुद्दा विधानसभा में उठा। विधायक लक्ष्मण सिंह यादव की मांग पर सरकार ने अधिकारियों की कमेटी बनाई, 15 दिन में रिपोर्ट और बजट मंजूर होने का भरोसा दिया गया।
- रेवाड़ी के गोकलगढ़ गांव में गंदे पानी की निकासी को लेकर विधानसभा में सीधी टकराव वाली बहस
- विधायक लक्ष्मण सिंह यादव की मांग पर सरकार ने बनाई अधिकारियों की कमेटी
- 15 दिन में रिपोर्ट, बजट मंजूर, स्थायी समाधान का भरोसा
- स्कूल तक में भरा पानी, हालात ने बढ़ाई सरकार की चिंता
Rewari News: हरियाणा विधानसभा के विंटर सेशन में रेवाड़ी विधानसभा क्षेत्र का गोकलगढ़ गांव अचानक चर्चा के केंद्र में आ गया। गांव में लंबे समय से चली आ रही गंदे पानी की निकासी की समस्या को लेकर रेवाड़ी विधायक लक्ष्मण सिंह यादव ने सदन में जिस तीखे अंदाज में सवाल उठाया, उसके बाद सरकार को तुरंत मोर्चा संभालना पड़ा।
विधायक ने बताया कि करीब आठ हजार की आबादी वाले इस बड़े गांव के पास गंदे पानी को बाहर निकालने का कोई रास्ता नहीं है। एक तरफ रेलवे लाइन और दूसरी ओर नहर होने के कारण पानी गांव के जोहड़ों में जमा हो रहा है। हालात इतने बिगड़ चुके हैं कि स्कूल परिसर तक में दो से तीन फीट तक पानी भर जाता है। उन्होंने कहा कि यह केवल असुविधा नहीं बल्कि स्वास्थ्य और शिक्षा दोनों से जुड़ा गंभीर मसला बन चुका है।
यह भी पढ़ें: विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक पास हुआ! हरियाणा सरकार का बड़ा कदम, 26 निजी यूनिवर्सिटीज पर निगरानी तेज होगी
सदन में चर्चा के दौरान विधायक लक्ष्मण सिंह यादव ने समस्या के स्थायी समाधान के लिए दो साफ सुझाव भी रखे। पहला गांव में छह से सात सोलर पंप लगाकर गंदे पानी को बाहर निकाला जाए। दूसरा गोकलगढ़ को पब्लिक हेल्थ सिस्टम के जरिए कालूवास या नसियाजी के सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट से जोड़ा जाए। उनका कहना था कि जब तक पानी गांव से बाहर नहीं जाएगा तब तक कोई भी अस्थायी व्यवस्था काम नहीं करेगी।
विधायक के सवालों पर जवाब देते हुए कैबिनेट मंत्री अरविंद शर्मा ने माना कि समस्या गंभीर है और इसे हल्के में नहीं लिया जा सकता। उन्होंने सदन को बताया कि एडीसी समेत कई विभागों के अधिकारियों की एक कमेटी गठित कर दी गई है। यह कमेटी विधायक से बातचीत और मौके के निरीक्षण के बाद 15 दिन के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।
मंत्री ने यह भी साफ किया कि समाधान के लिए बजट को मंजूरी दी जा चुकी है और यह तय कर लिया गया है कि गंदा पानी किस दिशा में और किस व्यवस्था से निकाला जाएगा। सरकार का दावा है कि रिपोर्ट मिलते ही काम शुरू होगा और गोकलगढ़ के लोगों को इस समस्या से स्थायी राहत दिलाई जाएगी।
गोकलगढ़ का मुद्दा केवल एक गांव तक सीमित नहीं है। विधानसभा में हुई इस बहस के बाद यह साफ हो गया है कि अगर तय समय में समाधान नहीं हुआ तो यह मामला फिर से राजनीतिक और प्रशासनिक दबाव का कारण बन सकता है। फिलहाल गांव की नजरें अब 15 दिन की उस रिपोर्ट पर टिकी हैं, जिससे उनके रोजमर्रा के हालात बदलने की उम्मीद जुड़ी हुई है।
इस श्रेणी की और खबरें पढ़ने के लिए क्लिक करें: हरियाणा



